धर्म एवं साहित्यज्योतिष

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर पुण्य, समृद्धि का अबूझ योग

Akshaya Tritiya 2025: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को युगादि पर्व का दर्जा प्राप्त है. इस दिन जप, तप, दान और पूजा का अक्षय पुण्यफल मिलता है. इस बार यह पावन तिथि 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी. तृतीया तिथि का आगमन 29 अप्रैल को शाम 5:29 पर होगा, जो 30 अप्रैल की दोपहर 2:12 तक विद्यमान रहेगी. लेकिन इस बार भगवान परशुराम का जन्म दिवस 29 अप्रैल को प्रथम याम व्यापिनी तृतीया में मनाया जाएगा. ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि इस दिन सूर्य, मेष और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे. सर्वार्थसिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुर्थी युक्त तृतीया और बुधवार का संयोग इसे विशेष बना रहा है. अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम, हयग्रीव के प्राकट्य दिवस, मां गंगा के अवतरण और सुदामा-कृष्ण मिलन की स्मृति में भी मनाया जाता है. बताया की इस दिन गंगा स्नान और तीर्थ दर्शन से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है.

भविष्य पुराण के अनुसार सतयुग व त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी तिथि को हुआ था. वैवाहिक जीवन, गृहप्रवेश, नव व्यापार, भवन निर्माण जैसे कार्यों के लिए यह अबूझ मुहूर्त है. पूजा का समय सुबह 6:07 से दोपहर 12:37 तक रहेगा. खरीदारी के लिए 5:41 से दोपहर 2:12 तक शुभ काल है. सोना, चांदी, वाहन, भूमि, वस्त्र, फर्नीचर, सेंधा नमक, रूई, मिट्टी के दीपक या घड़े भी खरीदे जा सकते हैं.

अक्षय तृतीया पर क्या करें-

अक्षय तृतीया के दिन श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करना चाहिए.

इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीसूक्त या रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करना शुभ होता है.

अक्षय तृतीया के दिन पितरों के नाम से दान-पुण्य के कार्य मंगलकारी माने गए हैं.

अगर संभव हो, तो इस शुभ दिन पर गंगाजल में स्नान कर सकते हैं.

नए व्यापार की शुरुआत और गृह-प्रवेश के लिए अक्षय तृतीया का दिन उत्तम माना गया है.

धन-दौलत में वृद्धि के लिए अक्षय तृतीया पर एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख सकते हैं.

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