
छत्तीसगढ़ में पिछले 20 सालों में 17 बार मानसून देरी से पहुंचा है. इस साल केरल में 5 दिन पहले मानसून के आने की संभावना है. ऐसे में प्रदेश में भी 5 जून तक मानसून के दस्तक देने की संभावना है. मानसून आने की सामान्य तारीख 10 जून है. पिछले 20 सालों का ट्रेंड देखें तो केवल 3 बार समय पर मानसून ने दस्तक दिया है. पिछले साल 7 जून को यानी तीन दिन पहले मानसून ने दस्तक दी थी.
मानसून सुकमा में अटका रहा और एक सप्ताह बाद रायपुर में मानसूनी बारिश हुई. 2023 में 21 जून, 2022 में 18 जून को मानसून आया. वहीं 2021 में केवल एक दिन बाद 11 जून को व 2020 में 12 जून को केवल दो दिन की देरी से मानसून ने बस्तर में दस्तक दिया था. 2013 में 9 जून को मानसून पहुंचा, जो निर्धारित समय से एक दिन पहले दिन पहले है. मौसम विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक हुई बारिश को मानसूनी मानता है. इसे पहले वाला प्री मानसून व बाद वाला पोस्ट मानसूनी बारिश होती है. मानसून जून में कभी भी आए, लेकिन 1 जून से होने वाली बारिश मानसूनी बारिश के रेकार्ड में दर्ज हो जाता है.
पिछले साल 1231.7 मिमी बरस गए बादल
पिछले साल बारिश ने 20 सालों का रेकार्ड तोड़ दिया और 1231.7 मिमी पानी बरस गया. सबसे ज्यादा बारिश बीजापुर में 2388.9 मिमी हुई, जो सामान्य से 75 फीसदी ज्यादा थी.वहां सामान्य रूप से 1368.9 मिमी पानी गिरता है. प्रदेश में केवल 5 जिले बेमेतरा, दुर्ग, जशपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ व सरगुजा जिले में सामान्य से कम बारिश हुई थी. बाकी 28 जिलों में सामान्य से ज्यादा पानी गिरा था. भारतीय मौसम विभाग ने इस साल भी सामान्य से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. ऐसे में प्रदेश में भी सामान्य से ज्यादा पानी गिरने का अनुमान है.