
पहलगाम आतंकी हमले को एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल रहा है. धरती का ‘जन्नत’ कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. डल झील पर हाउसबोट और शिकारे खाली पड़े हैं.
सेल्फी प्वाइंट के रूप में पहचान बना चुके श्रीनगर के लाल चौक जैसे इलाके भी सुनसान हैं. सड़कों पर पर्यटक की आवाजाही काफी कम है. डल झील पूरे जम्मू कश्मीर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. गर्मियों में यहां पूरे देश से लोग घूमने आते हैं. हालांकि अभी यहां होटल, रेस्तरां, हाउसबोट सभी खाली हैं. डल झील के पास ऐसा लगता है कर्फ्यू लगा हो. पर्यटक न होने से कई लोगों ने तो दुकानें, रेस्तरां और होटल अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं. डल झील के दूसरे किनारे पर कश्मीरी ड्राई फूड्स का स्टोर चला रहे अली के मुताबिक, पहले इस सीजन में दुकान में इतनी भीड़ होती थी कि 15 अतिरिक्त लोगों को काम पर रखना पड़ता था. लेकिन अब दुकान बिलकुल खाली पड़ी है.
लाखों कश्मीरियों का छिन गया रोजगार
शिकारा (नाव) चलाने वाले बिलाल का कहना है पिछले 24 दिन से उनका शिकारा झील के किनारे जस का तस खड़ा है. जबकि पिछले सीजन में तीन शिफ्ट में लोग शिकारा चला रहे थे. श्रीनगर के टूर ऑपरेटर व टैक्सी कंपनी चलाने वाले शौकत मीर कहते है कि पहलगाम की वारदात इंसानियत पर हमला था. हमले में मासूम लोग मारे गए, वहीं लाखों कश्मीरियों का रोजगार छीन गया.