मशरूम से बनेगी कम्प्यूटर की चिप
लंदन. दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा लगातार बढ़ रहा है. इनमें एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक चिप्स (Electronic chip) और बैटरी का होता है. इन्हें बनाने के लिए जिस प्लास्टिक (Plastic) का इस्तेमाल होता है वो रीसाइकिल नहीं की जा सकती. अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने मशरूम (Mushroom) से इलेक्ट्रॉनिक चिप बनाने की तकनीक ढूढ़ निकाली है.
ऑस्ट्रिया के लिंज में स्थित ‘जोहांस केपलर यूनिवर्सिटी’ के वैज्ञानिक मार्टिन काल्टेनब्रनर ने कहा, अगर चिप्स को रीसाइकिल किया जा सके तो दोबारा इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. यह शोध हाल ही में ‘साइंस एडवांसेस’ में प्रकाशित हुआ है.
मार्टिन और उनकी टीम ने मशरूम की प्रजाति गैनोडर्मा लूसीडम की स्किन को चिप्स का सब्स्ट्रेट बनाने के लिए किया है. यह एक प्रकार का फंगस है, जो सड़ते हुए पेड़ों पर उगता है. यह अपने माइसीलियम को बचाने के लिए चारों तरफ मजबूत त्वचा बनाता है. जब मार्टिन और उनकी टीम ने इस मशरूम की त्वचा को निकालकर सुखाया, तो देखा कि यह लचीली और अच्छी इंसुलेटर है, जो 200 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकती है यानी यह एक अच्छी चिप सब्स्ट्रेट बन सकती है. बता दें कि हर कंप्यूटर चिप्स में सब्स्ट्रेट होता है. ये सब्स्ट्रेट रीसाइकिल न होने वाले प्लास्टिक पॉलीमर से बनता है. चिप्स के खराब होने के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है.
अन्य उपकरणों में भी इस्तेामल मार्टिन ने कहा, इस मशरूम की त्वचा को सैकड़ों सालों तक सुरक्षित रह सकती है. यह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सब्स्ट्रेट बन सकती है. इसका इस्तेमाल आम बैटरी में भी किया जा सकता है. साथ ही कम पावर वाले ब्लूटूथ सेंसर में भी किया जा सकता है.
इतिहास बदलने वाली खोज इंग्लैंड की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट’ के वैज्ञानिक एंर्ड्यू एडमात्जकी ने बताया कि यह एक बड़ी और इतिहास बदलने वाली खोज है. इससे दुनिया में जलवायु परिवर्तन भी रुकेगा और प्रदूषण कम होगा.