ये आलू नहीं सोना है सोना… अगर उगा ले गए तो घर बैठे बनेंगे रईस!
Potato In France: शायद ही दुनिया का कोई भी ऐसा रसोईघर होगा जहां आलू का उपयोग ना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा आलू कौन सा है. हां ही में सोशल मीडिया पर इस बारे में चर्चा चली तो यह आलू वायरल हो गया. ‘ले बोनाटे’ नाम का आलू दुनिया का सबसे महंगा आलू माना जाता है. इस आलू की कीमत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसकी कीमत से सोने की कोई ज्वेलरी खरीदी जा सकती यही. आइए इस बारे में जानते हैं.
दरअसल ‘ले बोनाटे’ नाम के इस आलू का उत्पादन फ्रांस में अधिक होता है. यहां के नॉर्मैंडी क्षेत्र में इस आलू का उत्पादन होता है. यह एक विशेष प्रकार का आलू है. यह आलू इतना कोमल हाथों है कि इसे हाथों से ही खोदकर निकाला जाता है. इस आलू की उत्पादन प्रक्रिया इसे और भी विशिष्ट बनाती है. इसकी खासियत है कि इसमें अनेक प्रकार के विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो इसे और अन्य आलू से अलग बनाते हैं.
यह आलू भारत में आम तौर पर नहीं मिलता है क्योंकि इसके खरीदार नहीं हैं इसलिए इसे यहां नहीं उगाया जाता है. इस आलू को विशेष तौर पर खुशबूदार खानों में भी उपयोग किया जाता है. इन आलू का रंग हल्का भूरा होता है और इनमें एक खास स्वाद होता है. बोनाटे आलू बहुत स्वस्थ होते हैं. यह उच्च फाइबर, पोषक तत्वों, विटामिन, और खनिजों से भरपूर होता है. इसमें प्रोटीन, आयरन, फोस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन ए और फोलिक एसिड जैसे विटामिन और मिनरल्स होते हैं.
यह आलू लोअर ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी बीमारियों को भी रोकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके एक किलो का दाम करीब 50 हजार रुपए भारतीय कीमत में है. यानी इतने में एक ठीक ठाक ज्वेलरी आ जाएगी. इसका छिलका भी फायदेमंद होता है. इस आलू को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में रखा जाता है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि यह आलू पूरे साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए उपलब्ध होता है.
इसकी खेती 50 वर्ग मीटर के जमीन पर ही की जाती है. इसके अलावा इसमें प्राकृतिक खाद के रूप में समुद्री शैवाल का इस्तेमाल किया जाता है. खुदाई के बाद जमीन से इसे बहुत हल्के हाथों से निकालना पड़ता है क्योंकि ये बहुत नाजुक प्रकृति का होता है. इसके छिलके को भी खाने की सलाह दी जाती है. इले डे नॉर्मोटियर द्वीप पर होने वाले 10000 टन आलू में से केवल 100 टन ला बोनेट चुने जाते हैं.