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शरीर की ऊर्जा से लैपटॉप और मोबाइल चार्ज होंगे

अब इंसान के शरीर की ऊर्जा से लैपटॉप, मोबाइल, घड़ी और ईयरफोन जैसे उपकरण भी चार्ज हो सकेंगे. यानी इन गैजेट की बैटरी डिस्चार्ज होने जैसी समस्या खत्म हो जाएगी.

आईआईटी के वैज्ञानिक ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं जिससे आपको लैपटॉप, मोबाइल, घड़ी और ईयरफोन जैसे उपकरण जैसे करने की टेंशन से छुटकारा मिल जाएगा. पहली नजर में नामुमकिन दिखने वाली यह बात जल्द ही हकीकत में बदल सकती है. देश के अग्रणी तकनीकी शिक्षण संस्थान आईआईटी में इसको लेकर बेहद महत्वपूर्ण रिसर्च की जा रही है.

उपकरणों को चार्ज करने के लिए चार्जर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी इस तकनीक के अमल में आने पर घर, दफ्तर और यात्रा के दौरान लैपटॉप और अन्य गैजेट के साथ काम करना बहुत आसान होगा जाएगा. इन उपकरणों को चार्ज करने के लिए चार्जर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

घड़ी और ईयरफोन भी चार्ज हो जाएंगे आईआईटी में चल रही रिसर्च के मुताबिक केवल मोबाइल और लैपटॉप ही नहीं बल्कि हाथ की घड़ी, कान के ईयर फोन जैसे अनेक उपकरणों को इंसानी गर्मी से ऐसे ही चार्ज किया जा सकता है. खास बात यह है कि इस चार्जिंग के लिए किसी चार्जर की भी आवश्यकता नहीं है.

बिजली में परिवर्तित की जा सकती है हीट विशेषज्ञों के अनुसार, कार के बोनट के गर्म होने पर उससे ऊर्जा का निर्माण किया जा सकता है. इसी तरह आप पानी फेकने वाले पंप की गर्मी से भी ऊर्जा बनाई जा सकती है. ऐसे अनेक बड़े उपकरण हैं जिनसे हीट निकलती है और इस हीट को बिजली में परिवर्तित किया जा सकता है.

खास मॉडॺूल की मदद से गर्मी से प्राप्त होगी ऊर्जा

आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर अजय सोनी का कहना कि वह थर्मो इलेक्ट्रिकल मटीरियल पर काम कर रहे हैं. इस पद्धति में एक खास मॉड्यूल की मदद लेकर गर्मी से ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है. लेकिन यह सौर ऊर्जा से बिल्कुल भिन्न है.

विद्युत ऊर्जा में बदलेगी शरीर की गर्मी

प्रोफेसर सोनी के मुताबिक, उन्होंने ऐसा प्रोटोटाइप विकसित किया है जो एक मॉड्यूल की मदद से इंसानी शरीर की गर्मी से ऊर्जा हासिल कर उसे इलेक्ट्रिसिटी में बदल सकता है. इस तकनीक से मोबाइल फोन को हथेली में पकड़ने या जेब में रखने भर से चार्ज किया जा सकता है.

छोटा सा मॉड्यूल सेट करना होगा

डॉक्टर सोनी ने बताया कि लैपटॉप को गोद (लैप) में रखने भर से, बिना किसी चार्जर, सॉकेट या स्विच के चार्ज किया जा सकता है. इन उपकरणों को चार्ज करने के लिए इंसान के शरीर से निकलने वाली गर्मी ही काफी है. इन सभी उपकरणों में एक छोटा सा मॉड्यूल सेट किया जाएगा. इसके बाद वह मॉड्यूल शरीर की गर्मी से इन उपकरणों को चार्ज कर सकता है.

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