नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस में तैनात एक हेडकांस्टेबल ने सितंबर 2021 में महिला कांस्टेबल की हत्या कर शव नाले में छिपा दिया. घटना के दो साल बाद वारदात का खुलासा हुआ और आरोपी हेडकांस्टेबल को गुरुवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र की निशानदेही पर नाले से कंकाल बरामद कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2012 में भर्ती हेड कांस्टेबल सुरेंद्र पत्नी सहित अलीपुर में रहता है. सुरेंद्र की वर्ष 2019 में कांस्टेबल रुचिका यादव (परिवर्तित नाम) से मुलाकात हुई. बुलंदशहर निवासी रुचिका मुखर्जी नगर स्थित पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. आरोपी ने खुद को अविवाहित बताकर रुचिका से संबंध बनाए. महिला के परिवार के लोग भी रिश्ते के लिए राजी हो गए.
शादी का राज खुलने से घबराया आठ सितंबर 2021 को रुचिका अलीपुर पहुंची और सुरेंद्र से उसके घर का पता पूछने लगी. चूंकि वह पहले से शादीशुदा था, इसलिए राज खुलने के डर से वह खुद ही अपनी कार में आ गया और घुमाने के बहाने वह रुचिका को यमुना किनारे ले गया. वहां उसने गला घोटकर हत्या कर दी. उसका बैग और फोन आदि ले लिया और लाश को नाले के किनारे दफना दिया. पुलिस ने बताया कि कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. महिला कांस्टेबल की मां का रक्त नमूना लेकर डीएनए जांच कराई जाएगी. आरोपी पांच दिन की पुलिस हिरासत में है.
गुमशुदगी की शिकायत देने साथ में गया आठ सितंबर की रात को रुचिका का फोन नहीं लगा तो परिजनों ने मुखर्जी नगर थाने में शिकायत दी. इस दौरान सुरेंद्र भी साथ था. परिजनों के साथ वह दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के पास जाकर खोजने की गुहार लगाता रहा.
बहन ने उम्मीद नहीं छोड़ी रुचिका की बड़ी बहन पुलिस आयुक्त के सामने पेश हुई और इस वर्ष अप्रैल में अपहरण की धारा में केस दर्ज कर लिया गया. केस क्राइम ब्रांच रोहिणी को भेज दिया गया.
धोखा देने के लिए सामान छोड़ता था
सुरेंद्र ने पुलिस और रुचिका के परिजनों को धोखा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वह एक कॉल गर्ल के साथ देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी आदि शहरों के होटल में गया. वहां वह जानबूझकर रुचिका के कागजात गिरा देता था. फिर होटल में रुचिका के फोन से कॉल करके कागजात गिरने की सूचना देता था. जब पुलिस फोन को ट्रेस करके उक्त होटल में पहुंचती थी तो होटल वाले पुष्टि कर देते थे कि उनके यहां वह लड़की आई थी. इससे पुलिस को भी लगता था कि रुचिका खुद ही अपने मां-बाप के पास जाना नहीं चाहती.
आरोपी का साला करता था परिजनों को फोन
सुरेंद्र ने लोगों के सामने कहानी गढ़ी कि रुचिका किसी युवक संग चली गई है. इसके लिए उसने अपने साले रविन और उसके दोस्त की मदद ली. रविन के दोस्त ने अपने दस्तावेज पर किसी दूसरे की फोटो लगाकर सिमकार्ड लिया. इस सिमकार्ड से रविन अक्सर रुचिका के परिजनों को फोन करता था. वह कहता था कि रुचिका के साथ वह दूसरे शहर में है. उन्हें खोजने की कोशिश न करें. क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर राजीव कक्कड़ ने फोन नंबर की जानकारी को खंगाला. जांच में रविन के दोस्त को दबोचा. फिर रविन और सुरेंद्र को पकड़ा गया. आरोपी वर्तमान में पीसीआर यूनिट में ड्राइवर के पद पर तैनात है.