प्रयागराज. सनातन के महापर्व में लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लिए संगमनगरी पहुंचे हैं तो बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर को करीब से देखने आ रहे हैं. इनमें से कुछ विदेशियों ने पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर संगम में डुबकी लगाई तो उनके मुख से स्वत निकल पड़ा ‘ओह इट्स अमेजिंग’. लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर विदेशी सैलानी आश्चर्यचकित नजर आए.
संगम नोज पर ही फोटोग्राफी में व्यस्त और पहली बार प्रयागराज आए इटली के 63 वर्षीय आन्द्रे ने कहा कि इंटरनेट के जरिए महाकुम्भ के बारे में पता चला तो खुद को रोक नहीं सका. पेशे से आर्किटेक्ट और ईसाई धर्म के मानने वाले आन्द्रे ने स्नान तो नहीं किया लेकिन कहा कि वह अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी महाकुम्भ में आने के लिए जरूर सलाह देंगे. हिदू धर्म में रचे-बसे स्विटजरलैंड के आदित्य भी स्नान करने के बाद अखाड़ा मार्ग पर प्रसन्न मुद्रा में आगे बढ़ते नजर आए.
वहीं पोलैंड से आए 51 वर्षीय आन्द्रे ने कहा कि वह अपना जीवन स्वच्छ करने आए हैं. वेल्डिंग मैकेनिक आन्द्रे अपने एक अन्य साथी आरेक के साथ तीन सप्ताह का कार्यक्रम बनाकर आए हैं. उन्होंने कहा कि यहां आकर मन को बहुत शांति मिली है. निश्चित रूप से अपने करीबियों को भी यहां आने की सलाह देंगे. पेशे से लेखकर और थियेटर डायरेक्टर स्विटजरलैंड के बोरिस भारत छठवीं बार और प्रयागराज पहली बार आए हैं. संगम नोज पर माथे पर टीका लगाए घूम रहे बोरिस ने कहा कि उनकी आध्यात्म में रुचि है और इसी कारण आए हैं.रूस से आईं जूली संगम स्नान के बाद फूले नहीं समां रहीं थीं. उन्होंने कहा कि यहां आना बहुत खास है. जूली ने कहा कि मैं पवित्र संगम में स्नान का मौका गंवाना नहीं चाहती थी, यही कारण है कि संगम चली आईं.