विराजमान रामलला चार वर्ष बाद निज स्थान पहुंचे
अयोध्या, श्रीरामजन्म भूमि के नव्य-दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अनुष्ठान के अवसर पर शुक्रवार रात विराजमान रामलला भी लगभग चार वर्ष के बाद अपने मूल निवास स्थल पर पहुंच गए. वे अचल विग्रह के प्राणाधान की वैदिक प्रक्रिया के साक्षी बनेंगे.
छह दिसंबर 92 की घटना के बाद विराजमान रामलला ने 28 साल टेंट में गुजारे. इसके बाद 25 मार्च 2020 को उन्हें दोबारा सुविधापूर्ण कुटिया में आवासीय व्यवस्था मिली लेकिन उन्हें निज स्थान छोड़ना पड़ा. फिलहाल 53 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अब उनका भव्य महल तैयार हो गया है.
उत्सव विग्रह के रूप में उनका साथ निभाने के लिए रजत विग्रह का भी पदार्पण होगा. इनका गर्भगृह में पदार्पण शैय्याधिवास के समय 21 जनवरी को होगा. उधर अचल विग्रह के साथ-साथ रजत विग्रह का भी अधिवास चल रहा है.
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में अलग-अलग अधिवासों का बड़ा महत्व है. अनुष्ठान के लिए काशी से आए विद्वान आचार्य गजानन जोधकर बताते हैं कि मानव जीवन के लिए उपयोगी पदार्थों में भगवान का अधिवास कराया जाता है. पंच महाभूतों की ऊर्जा इन पदार्थों में समाहित है. इससे विग्रह में शक्तियों का आधान होता है और विग्रह ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाती है. व्यवहार की दृष्टि से कहें तो विग्रह में त्रुटि हो तो उसका भी परीक्षण हो जाता है. अनुष्ठान में प्रमुख यजमान डॉ. अनिल मिश्र व उनकी पत्नी उषा मिश्रा और अन्य यजमान शामिल रहे. श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने सभी यजमानों के नामों की अधिकृत घोषणा नहीं की है.
● विराजमान रामलला का जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में पदार्पण होगा
● अचल विग्रह और रजत विग्रह का शर्कराधिवास, फलाधिवास के साथ साथ पुष्पाधिवास
● वेदों की सभी शाखाओं का पारायण किया जाएगा
● वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ मंडप में बनाए गए यज्ञ कुंड में हवन किया जाएगा
अलौकिक होगा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह योगी
अयोध्या, प्रसं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में 22 जनवरी को होने वाले प्रभु श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से संपूर्ण अयोध्या धाम समेत पूरे देश में उत्साह का माहौल है. यह समारोह अलौकिक होगा. कई शताब्दियों के बाद आने वाला यह पल भारत के विश्वास, लोक आस्था व गौरव की पुर्नप्रतिष्ठा का कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
पुलिसकर्मियों ने डेरा डाला
राम जन्मभूमि परिसर में एटीएस के पांच सौ से अधिक कमांडो और एसपीजी के 35 जवान तैनात किए गए हैं. केंद्र से लेकर राज्य तक के 25 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने अयोध्या में डेरा डाल दिया है. खुफिया एजेंसी रॉ की मौजूदगी भी है.