पाक से आए श्रद्धालु बोले, काश हमारे यहां होती ऐसी आजादी
अयोध्या. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों के लिए माहौल ठीक नहीं है. वहां त्योहारों, धार्मिक आयोजनों पर जबरदस्त पाबंदियां हैं. हिन्दुस्तान में हर तरफ माहौल बेहद खुला है.
कहीं पाबंदी नहीं, हर तरफ प्रभु के जयकारे बेहतर अहसास दिला रहे हैं. देर रात तक सड़कों पर मनमर्जी के कपड़ों में आती जाती महिलाएं बताती हैं कि माहौल कितना अच्छा है. पाकिस्तान के 34 जिलों से आए सिंधी श्रद्धालुओं के जत्थे में अधिकांश से यही जज्बात बयां किए. गुरुवार देर शाम अयोध्या में रामलला के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं में सिंध प्रांत के सांगण जिले के शेदातपुर निवासी नरेंद्र कुमार ने बताया कि वह पहली बार हिन्दुस्तान आए हैं. जैसा सुना था, वैसा पाया है. रामराज्य ऐसा ही रहा होगा. सिंध मेंहम त्योहार नहीं मना पाते हैं. मंदिर नहीं हैं. शिवरात्रि, जन्माष्टमी, बड़ामंगल, रामनवमी हमें सामूहिक मनाने की इजाजत नहीं है.
15 दिन पहले भारत पहुंचे थे
उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि जत्थे में कराची, लाहौर, घोटकी, हैदराबाद के श्रद्धालु हैं. जत्थे में सर्वाधिक सिंध प्रांत के सक्खर, सांगण, पैनो, बैजी, मैसरा, भैलारी, कंथकोट, पीतापिन, चिचड़ा आदि जिलों से हैं. 15 दिन पहले ये हिन्दुस्तान आए हैं. अमृतसर, अमरावती, रायपुर, प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार में धार्मिक स्थलों, गुरुओं के यहां होते हुए पाक लौटेंगे.