रिसाइकिलिंग में हो रही दिक्कत,सूखा और गीला कचरा एक साथ
रायपुर: पांच सालों से स्मार्ट सिटी रायपुर के लिए सूखा और गीला कचरा कलेक्शन अलग-अलग कराना निगम प्रशासन के लिए चुनौती बन गया. जिस पर पूरी तरह से अमल कराने के लिए एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले निगम के अधिकारी पूरा जोर लगा रहे हैं. ताकि हर मोहल्ले और कॉलोनियों में गाड़ी में घर-घर से अलग-अलग कचरा मिले. इससे प्लांट में रिसाइकिलिंग में काफी आसानी होगी. यह तरीका पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है. इसके लिए अब हर दिन स्वच्छता दीदियों से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है.
निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने सूखा और गीला कचरे को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वच्छता निरीक्षकों को निर्देश दिया है. हर सप्ताह इसकी समीक्षा करना तय किया है. आयुक्त मिश्रा का मानना है कि शहर के लोगों में जागरुकता आई है. इसलिए अधिकांश क्षेत्रों से अलग-अलग कलेक्शन हो रहा है, जिसे शत-प्रतिशत कराना है.
ऐसे में निगम मुयालय से लेकर जोन अधिकारियों की भी जिमेदारी तय की गई है. बता दें कि शहर के सभी 70 वार्डों से हर दिन साढे 6 टन कचरे का उठाव निगम कराता है. स्मार्ट सिटी बनने के साथ ही साफ-सफाई दुरुस्त कराने के साथ ही सूखा और गीला कचरा ज्यादा से ज्यादा कलेक्शन कराने के लिए जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही 4 लाख से अधिक पीला, नीला डस्टबिन घर-घर बांटने से लेकर व्यापारियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया. इसका काफी प्रभाव पड़ा है. लोगों के दिनचर्या में लाने के लिए निगम का स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी से लेकर निचले स्तर पर पालन कराने पर जोर है.
240 गाड़ियों से कलेक्शन, आंकड़ा 70 फीसदी से ज्यादा
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का ठेका रामकी कंपनी को दिया हुआ है. यही कंपनी संकरी प्लांट में कचरे का निष्पादन करती है. निगम के स्वच्छ भारत मिशन के कार्यपालन अभियंता योगेश कडू के अनुसार 240 गाड़ियां चलवाई जा रही है. सूखा और गीला कचरा अलग-अलग देने में जागरुकता आई है. यह आंकड़ा 70 प्रतिशत से ज्यादा पहुंचा है. पॉलीथिन और घरों से कोई भी सामग्री अलग से देने में पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छा है. रिसाइकिलिंग भी ठीक होता है.