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सोने और चांदी के ETF अभी निवेश के लिए बेहतर विकल्प

आम बजट में सोने और चांदी पर लगने वाले सीमा शुल्क में कटौती के बाद से इनकी कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सोने के भाव 5,000 रुपये तक टूट गए हैं. चांदी भी 7000 रुपये तक फिसल चुकी है. जानकारों का कहना है कि सोना-चांदी के दाम हाल के कुछ महीनों से उबाल पर थे.

शुल्क में कटौती के बाद आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही इन कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट का दौर आगे जारी रह सकता है. निवेशकों को अभी आभूषण या 24 कैरेट वाले डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से बचना चाहिए. अभी की परिस्थिति में वे गोल्ड या सिल्वर ईटीएफ का रुख कर सकते हैं.

निवेश के फायदे

1. एसआईपी की तरह खरीद और बेचसकते हैं.

2. उतार-चढ़ाव कम होता है, ज्यादा नुकसान की चिंता नहीं.

3. ये उच्च तरलता वाले होते हैं यानी इन्हें जब चाहें तब खरीदा और बेचा जा सकता है

4. इन्हें डीमैट खाते से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है.

5. गहनों के मुकाबले खरीद शुल्क कम लगता है. 100 फीसदी शुद्धता की पूरी गारंटी होती है.

● गोल्ड ईटीएफ 23% तक का औसत मुनाफा दिया एक साल में

● सिल्वर ईटीएफ 26% से ज्यादा रिटर्न देने में कामयाब रही

● गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश शेयर बाजार के माध्यम से किया जा सकता है. यह बीएसई और एनएसई दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध है.

● इसके लिए ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता खोलना होगा. अलग-अलग निवेश कंपनियां गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश के विकल्प उपलब्ध कराती हैं. जिस कंपनी के ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, उसे चुनें.

● फिर निवेश का तरीका चुनें. यहां एकमुश्त और एसआईपी के विकल्प दिखाई देंगे. एक साथ पैसा नहीं लगा सकते हैं तो मासिक एसआईपी का विकल्प चुन सकते हैं.

● एकमुश्त विकल्प में शेयर की तरह मात्रा में खरीदारी करनी होगी. जितनी की खरीदारी करेंगे, उतनी रकम डीमैट खाते से कट जाएगी.

● एसआईपी विकल्प में रकम अथवा मात्रा चुननी होगी. यदि रकम का विकल्प चुनते हैं तो हर महीने तय तिथि पर उतनी रकम खाते से कट जाएगी. यदि मात्रा चुनते हैं, उसके अनुसार रकम कटेगी.

● ट्रेडिंग खाते में ऑर्डर लगाने के दो दिनों के बाद ईएफटी खाते में जमा हो जाता है. इसके बाद इसे आसानी से बेचा जा सकता है.

कम कीमत में खरीद सकते हैं

ईटीएफ की एक यूनिट की कीमत 60 रुपये से भी शुरू हो सकती है. निवेशक एक बार में कितनी भी यूनिट खरीद सकता है. वहीं, जो लोग एक साथ मोटा निवेश नहीं कर सकते, उनके लिए एसआईपी की सुविधा मौजूद है. इसका फायदा यह होगा कि यदि सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के साथ ईटीएफ के दाम भी गिरते हैं, तो निवेशक कम कीमत के चलते आसानी से इन्हें एवरेज कर सकते हैं.

ऐसे फायदा देंगे

जानकारों के मुताबिक सोने और चांदी के ईटीएफ में निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है. इसका कारण है कि सोने-चांदी के आभूषणों की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. अगर अभी कोई निवेशक इनमें निवेश करता है और दाम गिरते हैं तो उसके लिए फिर से इसमें पैसा लगाना (औसत करना) मुश्किल हो सकता है. लेकिन ईटीएफ में यह दुविधा नहीं है. आभूषण के मुकाबले इनकी कीमत काफी कम होती है.

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