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काशी पंचांग के अनुसार धनतरेस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज कब है

दीपावली का पर्व पंचदिवसीय महा पर्व के रूप में मनाया जाता है. कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तक दिवाली के पांच दिन कहे जाते हैं. इस बार दिवाली की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है., इसलिए इस बार धनतेरस, नरक चतुर्दशी और गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर भी संशय है. यहां हम आपको काशी पंचांग में इन त्योहारों की जो तिथि बताई गई हैं, उनके बारे में बताएंगे-

दीपोत्सव का आरम्भ कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी अर्थात धनतेरस से ही शुरू होकर भ्रातृ द्वितीया तक 5 दिनों तक चलता है. काशी पंचांग की मानें तो इस बार यह महापर्व 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक मनाया जाएगा अर्थात 6 दोनों का होगा. इस बीच कार्तिक अमावस्या की स्नान दान की तिथि 1 नवंबर को है. इस दिन पितरों के लिए स्नान और दान किया जाएगा और लक्ष्मी पूजन एक दिन पहले प्रदोष काल में 31 अक्टूबर को होगा. काशी पंचांग के अनुसार इस पर्व की तारीखें-

29 अक्टूबर दिन मंगलवार को धनतेरस अर्थात धनवन्तरी जयंती . धनतेरस से दिवाली का पेस्टिवल शुरू होगा, इस दिन महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. काशि पंचांग के अनुसार धनतेरस 29 अक्टूबर की है. इस दिन भौम प्रदोष व्रत भी रखा जाता है.

30 अक्टूबर दिन बुधवार को नरक चतुर्दशी और हनुमत् जयन्ती . इस दिन यम के लिए दीपदान किया जाता है और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. इसे छोटी दिवाली और रूप चौदस भी कहते हैं.

31 अक्टूबर दिन गुरुवार को श्री हनुमत दर्शन एवं दीपावली का मुख्य पर्व मनाया जाएगा.

1 नवंबर दिन शुक्रवार को स्नान दान की अमावस्या मनाई जाएगी.

2 नवंबर दिन शनिवार को काशी के अतिरिक्त अन्नकूट और गोवर्धन पूजा है.

3 नवंबर दिन रविवार को भैयादूज, यम द्वितीया, कलम दावत की पूजा तथा चित्रगुप्त का पूजन किया जाएगा.

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