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चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अगले सात दिन में शुरू हो जाएंगे. इसके लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव के माध्यम से अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजे जाएंगे. चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद पहले महीने में वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा. हालांकि वीआईपी चाहेंगे तो सामान्य यात्रियों की तरह दर्शन कर सकेंगे. बुधवार को ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. चारधाम यात्रा के दौरान व्यवस्थाओं को लेकर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बैठक में संबंधित अफसरों को निर्देश भी दिए.
बैठक में गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा के सभी रूटों पर सड़कें सही करना है. इसके लिए संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को 15 अप्रैल की डेडलाइन दी गई. यात्रा रूटों पर भीड़ नियंत्रण व यातायात को सुचारु रखने की व्यवस्था को लेकर भी बैठक में बात हुई. चारों धामों में क्षमता से अधिक तीर्थयात्री पहुंचने से अव्यवस्था पैदा न हो, इसके लिए यात्री पड़ाव बनाने पर मंथन किया गया.
चारधाम यात्रा में इस बार देश के दूसरे राज्यों से ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य जगह मैनुअल रजिस्ट्रेशन को पहुंचने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी गई है. गढ़वाल कमिश्नर ने यात्रा के लिए ऑनलाइन और मैनुअल रजिस्ट्रेशन का कोटा तय कर दिया है. यात्रा के कुल रजिस्ट्रेशन में से 60 ऑनलाइन होंगे जबकि 40 ऑफलाइन किए जाएंगे. काउंटरों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
कमिश्नर ने श्रद्धालुओं के लिए पानी, बिजली, शौचालय और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के साथ ही खच्चरों के लिए गर्म पेयजल समेत सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद बनाने के निर्देश दिए. बैठक में सात जिलों के डीएम-देहरादून से सविन बंसल, टिहरी से मयूर दीक्षित, पौड़ी से आशीष चौहान, उत्तरकाशी से मेहरबान सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग से सौरभ गहरवार, हरिद्वार से कर्मेंद्र सिंह, चमोली से संदीप तिवारी मौजूद रहे. पुलिस कप्तानों में दून से अजय सिंह, उत्तरकाशी से सरिता डोभाल, चमोली से सर्वेश पंवार, टिहरी से आयुष अग्रवाल,आरटीओ दून सुनील शर्मा, ईई बीएन द्विवेदी, हरिद्वार के नगर आयुक्त वरुण चौधरी, ऋषिकेश नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी, मनोज ध्यानी, एनसी रमोला, तीर्थपुरोहित रजनीकांत सेमवाल, सुनील उनियाल, डॉ. बृजेश सती आदि बैठक में मौजूद रहे.