20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पटवारी को भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा. त्रुटि सुधार व रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण के एवज में उक्त पटवारी ने रिश्वत मांगी थी. इसकी शिकायत के बाद यह कार्रवाई एसीबी बिलासपुर की टीम ने की. पटवारी को जेल भेज दिया गया है.
जानकारी के अनुसार हसौद तहसील क्षेत्र के कैथा के किसान रामशरण कश्यप ने एसीबी को शिकायत दी थी कि उनके पिता और चाचा के नाम पर ग्राम कैथा में स्थित खसरा नंबर 321/2 और 1592/2 की जमीन बी-वन ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो रही है. त्रुटि सुधार के लिए जब आवेदन एसडीएम कार्यालय में दिया गया, तो एसडीएम द्वारा तहसीलदार को रिकॉर्ड सुधारने का निर्देश दिया गया. तहसीलदार ने यह कार्य कैथा हल्का के पटवारी पवन सिंह को सौंपा. आरोप है कि पटवारी ने रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए किसान से 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. किसान रामशरण ने रिश्वत देने की बजाय एसीबी से संपर्क कर न्याय की मांग की. एसीबी की प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर ट्रैप की योजना बनाई गई. योजना के तहत जब किसान ने तय राशि पटवारी को सौंपी, तो उसी समय एसीबी की टीम ने गुजिया बोड़ स्थित पटवारी कार्यालय में दबिश देकर आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत लेते धर दबोचा. उक्त पटवारी पवन सिंह बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम अधौरा का निवासी है और हसौद तहसील क्षेत्र के कैथा हल्का में पदस्थ था.



















