बारिश की चपेट में आ सकती है गेहूं की फसल, किसानों की बढ़ी चिंता
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गेहूं किसानों के लिए अगला दो सप्ताह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इसी दौरान अगेती फसल तैयार होने वाली है और पिछैती फसलों की बालियां पुष्ट होने वाली हैं। ऐसे में तापमान बढ़ने या आंधी-बारिश की स्थिति का सीधा असर गेहूं की पैदावार पर पड़ सकता है।
मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंताएं
अगले तीन-चार दिनों तक गेहूं के प्रमुख उत्पादक समेत कई राज्यों में आंधी-पानी की मौसम विभाग की चेतावनी ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। तीन दिन पहले तक चढ़ते तापमान को गेहूं के लिए खतरा बताया जा रहा था। अब आंधी-पानी से नुकसान होने की आशंका है। स्पष्ट है कि किसानों के सामने दो-तरफा चुनौती है। हालांकि, कृषि मंत्रालय ने उच्च तापमान का गेहूं की फसल पर किसी तरह के असर से इनकार किया है और आंधी-बारिश से क्षति का अभी कोई आकलन नहीं किया गया है।
कृषि विज्ञानी डा. अजय कुमार इस मौसम में गर्मी से ज्यादा आंधी-बारिश से गेहूं की फसल का ज्यादा नुकसान बताते हैं। वह कहते हैं कि पंजाब-हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में गेहूं की फसल तैयार होने की स्थिति में है, उन्हें ज्यादा खतरा है।
‘तैयार फसलों को काट लें किसान’
उन्होंने कहा कि कटनी के लायक फसलों को खेत से लेकर खलिहान तक क्षति हो सकती है। आंधी-बारिश से खेतों में खड़ी फसल गिर सकती है। दाने काले पड़ सकते हैं और अत्यधिक बारिश हुई, तो उनमें अंकुरण भी आ सकता है। डा. अजय ने वैसे किसानों को बारिश से पहले तैयार फसलों को काट लेने का सुझाव दिया है।
रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय को 2022-23 फसल वर्ष में रिकार्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। गेहूं उत्पादन को लेकर विभिन्न राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में भी रिकॉर्ड उत्पादन की बात कही गई है। मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान एवं गुजरात समेत कई राज्यों में गेहूं का रकबा भी बढ़ा है। यहां फसल भी अच्छी है।
वर्ष 2021-22 में देश में गेहूं उत्पादन का अनुमान 10 करोड़ 95.9 लाख टन था, किंतु होली के बाद प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अचानक गर्मी बढ़ जाने के चलते 10 करोड़ 77.4 लाख टन ही उत्पादन हो सका था। हालांकि, यह मामूली कमी थी, लेकिन इसके बाद खाद्य निगम की खरीदारी भी सुस्त हो गई, जिसके चलते केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी। इस बार रिकॉर्ड उत्पादन के चलते निर्यात पर से प्रतिबंध हट सकता है।