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राहुल गांधी और अदाणी मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जारी सियासी घमासान में लगातार पांचवें दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पूरी तरह ठप रही। भाजपा और सरकार ने लंदन में राहुल के लोकतंत्र को लेकर दिए बयान पर माफी की मांग की।
शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई मं विपक्षी दलों ने अदाणी मुद्दे की संयुक्त संसदीय जांच समिति के गठन की मांग किसी सूरत में नहीं छोड़ने की बात दोहरायी। अपने-अपने मुद्दो को लेकर सरकार और विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए संसद के गतिरोध का हल अगले हफ्ते भी निकलने की संभावना नजर नहीं आ रही है।
दूसरे चरण का पहला हफ्ता पूरी तरह चढ़ा हंगामे की भेंट
राहुल और अदाणी प्रकरण में बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला हफ्ता पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया है। सरकार और भाजपा ने शुक्रवार को दोनों सदनों में राहुल गांधी की माफी की अपनी मांग को सियासी रूप से धारदार बनाने के जो संकेत दिए उससे साफ है कि संसद के घमासान में इस बार विपक्ष पर सत्तापक्ष हावी है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जहां भाजपा सांसद राहुल की माफी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे, वहीं कांग्रेस के सदस्य भी जवाबी नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच कर सदन में राहुल गांधी को बोलने की अनुमति देने की मांग करने लगे। विपक्षी खेमे के सदस्यों ने इसके साथ ही अदाणी समूह पर शेयर बाजार में कथित हेर-फेर के आरोपों की जेपीसी जांच की मांग को भी दोहराने लगे।
हंगामे के बाद स्थगित हुई कार्यवाही
स्पीकर ओम बिरला ने कई मिनटों तक दोनों पक्षों को सदन चलाने के लिए समझाने का प्रयास किया, मगर हंगामा थमा नहीं तो कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, हंगामा शुरू के कुछ ही क्षणों बाद सीधा प्रसारण कर रहे संसद टीवी की आवाज बंद हो गई।
विपक्षी दलों ने सदन स्थगित होने के बाद इसे मुद्दा भी बनाया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को बोलने की अनुमति की मांग शुरू हुई तो संसद टीवी मौन हो गया। पार्टी के आधिकारिक हैंडल से इस बारे में की गई टिप्पणी का कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने न केवल समर्थन किया बल्कि यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र तेजी से एक ताकत नहीं बल्कि प्रहसन बनता जा रहा है।
राहुल गांधी पर भाजपा आक्रामक
राज्यसभा में भी आक्रामक नारेबाजी के साथ भाजपा सदस्यों ने राहुल के माफी मांगने तक अपने तेवरों को नरम नहीं करने के इरादे साफ कर दिए। हंगामे के बीच नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने की जब अनुमति नहीं दी गई तो कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी हंगामा शुरू कर दिया।
संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, पी चिदंबरम, द्रमुक नेता टीआर बालू, भारत राष्ट्र समिति के केशव राव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के साथ शिवसेना उद्धव गुट, झामुमो, माकपा, भाकपा, झामुमो समेत कई दलों के सांसद शामिल हुए।
तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर एकला चलो की अपनी रणनीति पर कायम है। इस धरने के दौरान विपक्षी सांसदों ने ढ़फली बजाते हुए अदाणी मुद्दे पर जेपीसी के गठन की आवाज बुलंद की।