नई दिल्ली . दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस ने साइबर जालसाजों के गिरोह का पर्दाफाश किया है. जाली दस्तावेजों के आधार पर आरोपी इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों की रकम निकालने का फर्जीवाड़ा करते थे. पुलिस ने कंपनी के दो कर्मियों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह अबतक 22 पॉलिसी धारकों को 2.38 करोड़ का चूना लगा चुका है.
आरोपियों में दिल्ली के पश्चिम संत नगर निवासी प्रेम प्रकाश, रोहिणी निवासी चंदन जैन, ककरौला निवासी सुजीत कुमार मिश्रा, विजय नगर निवासी विकास और यूपी के ग्रेटर नोएडा निवासी रोहित कुमार अग्रवाल शामिल हैं. आरोपियों के पास 39 मोबाइल, 55 पैन कार्ड, 33 आधार कार्ड, 32 वोटर कार्ड, 46 डेबिट कार्ड और 73 चेक बुक/पासबुक बरामद हुई हैं. पुलिस के मुताबिक आरोपी रोहित कुमार अग्रवाल एक इंश्योरेंस कंपनी में वरिष्ठ कार्यकारी के रूप में काम कर चुका है. इस कारण उसकी पॉलिसी धारकों के डाटा तक पहुंच थी.
उसने उन पॉलिसी धारकों की पहचान की, जिनकी परिपक्वता राशि कंपनी के पास लावारिस पड़ी थी. उसने उक्त पॉलिसी धारकों का विवरण कर्मचारी सुजीत कुमार मिश्रा को दिया.
सभी आरोपियों में अलग-अलग काम बंटे थे. उन्होंने झुग्गियों में रहने वाले परिचितों और गरीब लोगों को लालच दिया. उन्हें पॉलिसी धारकों के नाम और पते बदलने के लिए आधार केंद्र ले गया. वहां विकास ने रुपये लेकर बिना कोई सत्यापित दस्तावेज उनमें बदलाव कर दिए.
मृत लोगों के नाम से भी निकाले रुपये
आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि इंश्योरेंस कंपनी ने शिकायत दी कि आशुतोष जोशी और अब्दुल चौधरी के 51 लाख रुपये धोखे से निकाले गए हैं. यह रकम कंपनी के पूर्व कर्मचारियों की मिलीभगत से निकाली गई है. कंपनी को पता चला कि अब्दुल चौधरी की मौत 13 मार्च 2018 को हो गई थी और किसी ने राशि को लेकर कोई अनुरोध नहीं किया था. पूछताछ में पता चला कि 22 पॉलिसी धारकों की कुल 37 पॉलिसियों में से 2.38 करोड़ रुपये निकाले गए हैं.
ऐसे दिया अंजाम
आरोपी रोहित ने पॉलिसी धारकों के हस्ताक्षरों में फॉर्म भरे और रिफंड के लिए कंपनी की डेटा एंट्री टीम को आधिकारिक ई-मेल से स्कैन कॉपी भेजी. रिफंड राशि पॉलिसी धारकों के बैंक खातों में आई थी, जहां से रिंकू सेल्स के खातों में स्थानांतरित की गई. रिंकू के खाते से राशि निकालकर आरोपियों में बांटी गई.