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रामलला के मंदिर की पहली-दूसरी मंजिल दिसम्बर 2024 में पूरी होगी

अयोध्या . श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी एवं भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा.

उन्होंने कहा कि पहले चरण में दिसम्बर 2023 तक भूतल का निर्माण पूरा होने के बाद जनवरी 2024 की निर्धारित मुहूर्त में रामलला विराजमान हो जाएंगे और नवीन मंदिर में उनका दर्शन- पूजन शुरू हो जाएगा. पुन दूसरे चरण में पहली व दूसरी मंजिल का निर्माण होगा जो कि दिसम्बर 2024 में पूरा हो जाने की उम्मीद है.

परकोटे पर कांसे के बने भित्ति चित्र लगाने का 2025 में पूरा होगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्व सलाहकार नृपेंद्र मिश्र ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में यह जानकारी दी. उनका कहना है कि समय सीमा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने निर्धारित की है. उन्होंने भरोसा जताया कि 31 दिसंबर 2023 तक हम खंभों पर आइकोनोग्राफी को छोड़कर भूतल को पूरा कर लेंगे जिसमें मंडप, छत, दीवारें व पूरी संरचना, प्रकाश व अन्य सभी सहायक संरचनाएं शामिल हैं.

दूसरे चरण में पूरा ढांचा तैयार किया जाएगा यानी पहली और दूसरी मंजिल, हालांकि आइकोनोग्राफी जारी रहेगी. दिसंबर 2024 में परकोटे सहित मंदिर का काम पूरा हो जाएगा. इसी तरह तीसरे चरण में दिसंबर 2025 तक पूरा परिसर दिखाई देगा जिसमें तीर्थ सुविधा केंद्र, भक्तों के लिए होल्डिंग क्षेत्र व व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए सुविधाएं होंगी. तकनीकी औरसुरक्षा व्यवस्था भी उस समय चालू हो जाएगी. परकोटे की बाहरी दीवार में कांसे से बने भित्ति चित्र होंगे, जो राम के मूल्य आधारित जीवन को दर्शाते हैं. परकोटे को शामिल कर लें तो आठ एकड़ क्षेत्रफल की बात होगी लेकिन मंदिर की बात करें तो यह 2.8 एकड़ का है.

रामलला के लिए सजा भव्य फूल बंगला

ज्येष्ठ मास गर्मी के मौसम का प्रतीक है. तपते वातावरण का प्रभाव सम्पूर्ण प्रकृति पर पड़ता है.मंदिरों में विराजमान ईष्ट देव भी मौसम से प्रभावित हैं. आधुनिक काल में मंदिरों में बिजली के पंखे-कूलर की व्यवस्था सामान्य तौर की गयी है जबकि कई मंदिरों में एसी की व्यवस्था हो चुकी है. फिर भी आचार्य परम्परा के निर्वहन में ग्रीष्मोत्सव का आयोजन हो रहा है. इस परम्परा में ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया के पर्व पर सोमवार को श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के लिए फूल बंगले की भव्य झांकी सजाई गई. हनुमानगढ़ी और कनक भवन में विराजमान भगवान के गर्भगृह को सुगन्धित पुष्पों से सुसज्जित कर बंगले का स्वरूप दिया गया तो वहीं पूरे परिसर को भी फूल-माला और वंदनवार से करीने से सजाया गया.

भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने कहा, पहले चरण में भूतल का निर्माण दिसम्बर 2023 में होगा पूरा, जनवरी 2024 में विराजेंगे रामलला

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का नया पता रामकोट होगा

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय के पूजन के साथ संस्था का नया स्थाई पता रामकोट निश्चित हो गया है. अभी तक तीर्थ क्षेत्र का स्थायी पता सुप्रीम कोर्ट में रामलला का केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केशव पारासरन का दिल्ली स्थित आवास ही एक मात्र एड्रेस था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने तीर्थ क्षेत्र के गठन की घोषणा पांच फरवरी 2020 को लोकसभा के पटल पर की थी. इस घोषणा में पूर्ण स्वायत्त संस्था का पंजीकरण वरिष्ठ अधिवक्ता पारासरन के आवास का ही था. दूसरा अस्थाई कार्यालय श्रीरामजन्म भूमि के निकट राम कचेहरी चारो धाम मंदिर में अनुबंध के आधार पर खोला गया लेकिन यह आवासीय नहीं था.

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