एक नए शोध में पता चला है कि तकिये के लिहाफ (कवर) में टॉयलेट सीट की तुलना में 17 हजार गुना बैक्टारिया पनप रहे हैं. अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया. उन्होंने लिहाफ पर लिए गए स्वाब परीक्षणों से पाया कि मृत त्वचा कोशिकाएं पसीने, मल और लार के कारण कीटाणुओं से भरी हुई हैं.
संक्रमण का खतरा अध्ययन के दौरान बिना धोए तकिये के नमूने एकत्र किए गए और इन्हें सात दिनों तक रखा गया. इसमें बैक्टीरिया का पता चला, जो त्वचा में संक्रमण का कारण बन सकता है. अध्ययनों के अनुसार, औसत व्यक्ति हर 24 दिनों में कवर को बदलता या साफ करता है. त्वचा विशेषज्ञ डॉ. हेडली किंग ने बताया कि जब हम बिस्तर पर जाते हैं, तो इस दौरान मृत त्वचा कोशिकाएं और पसीना या धूल के कण भोजन बैक्टीरिया को भोजन प्रदान करते हैं और उन्हें बिस्तर की ओर आकर्षित करते हैं. इस दौरान वह तेज गति से बढ़ते हैं.