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रोजाना लिपस्टिक का इस्तेमाल करती हैं तो सबसे पहले आपको इसके नुकसान जान लेने चाहिए

लिपस्टिक के साइड इफेक्ट्स: लड़कियां खूबसूरत दिखने के लिए कई चीजें करती हैं. अपनी त्वचा की विशेष देखभाल से लेकर विभिन्न सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करने तक, महिलाएं हर अवसर के लिए सही लुक पाने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं.

लिपस्टिक उन उत्पादों में से एक है जिसका इस्तेमाल सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसे लगाने से न सिर्फ मेकअप पूरा होता है बल्कि चेहरे पर एक अलग चमक भी आती है.

परफेक्ट लुक के लिए लगभग हर लड़की लिपस्टिक का इस्तेमाल करती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक रोजाना इसका इस्तेमाल आपके लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादातर लिप ग्लॉस और लिपस्टिक में क्रोमियम, लेड, एल्युमीनियम, कैडमियम जैसे रसायन होते हैं. ऐसे में इसके लगातार इस्तेमाल से गंभीर परिणाम हो सकते हैं. आइए जानते हैं रोजाना लिपस्टिक लगाने के नुकसान-

सूखे और फटे हुए होंठ

लिपस्टिक में पिगमेंट, प्रिजर्वेटिव और खुशबू जैसे कई तत्व होते हैं, जो होंठों को रूखा बना सकते हैं. ऐसे में पर्याप्त नमी के बिना लिपस्टिक के लगातार इस्तेमाल से होंठ रूखे और फटने की समस्या हो सकती है.

एलर्जी का खतरा

बहुत से लोग लिपस्टिक में मौजूद कुछ तत्वों जैसे सुगंध, रंग या परिरक्षकों से एलर्जी से पीड़ित होते हैं. ये एलर्जी हल्की जलन से लेकर सूजन, लालिमा या खुजली जैसे अधिक गंभीर लक्षणों तक हो सकती है.

होठों का प्राकृतिक रंग गायब हो जाना

कुछ लिपस्टिक, विशेष रूप से गहरे या लंबे समय तक रहने वाली लिपस्टिक का उपयोग करने से आपके होठों का प्राकृतिक रंग फीका पड़ सकता है. यह समस्या खासकर तब होती है जब दिन के अंत में लिपस्टिक पूरी तरह से नहीं हटती है.

शरीर में हानिकारक तत्वों की हानि

कुछ लिपस्टिक में ऐसे तत्व हो सकते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. ऐसे में इसके लगातार इस्तेमाल से ये हानिकारक तत्व हमारे शरीर में चले जाते हैं, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा रहता है.

मस्तिष्क के लिए हानिकारक

आपको जानकर हैरानी होगी कि लिपस्टिक के लगातार इस्तेमाल से हमारे दिमाग की सेहत पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. दरअसल, इसमें मौजूद लेड नामक रसायन तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है. इतना ही नहीं, सीसे से याददाश्त कमजोर होना, तंत्रिका संचरण प्रभावित होना और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.  

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