वाशिंगटन. वैज्ञानिक अब पृथ्वी को गर्म होने से बचाने के लिए उपाय ढूंढ़ने में जुटे हुए हैं. इसी के तहत हवाई विश्वविद्यासलय के प्रोफेसर इस्तावन स्जापुदी एक विचार लेकर आए हैं, जिसके अनुसार पृथ्वी को एक कृत्रिम छाते या ढाल से ढंक दिया जाएगा. उनके अनुसार इस छाते की मदद से पृथ्वी को 1.7 सौर विकिरण से बचाया जा सकता है और ग्लोबल वार्मिंग से भी पृथ्वी को राहत मिलेगी.
सौर विकिरण को रोकेगा छाता गौरतलब है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जहां पृथ्वी का वायुमंडलीय ओजोन परत सूर्य की तेज सौर किरण को रोकने में अक्षम हो रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों का यह नया उपाय कुछ राहत दिला सकता है. प्रोफेसर इस्तावन स्जापुदी के अनुसार, नए तकनीक और कुछ संशोधन से इस सोलर शील्ड को संभव बनाया जा सकता है. स्जापुदी ने कहा कि जिस तरह हम सूर्य की गर्मी से बचने के छाते का प्रयोग करते हैं, वैसे ही हम पृथ्वी को भी एक वैज्ञानिक छाते से बचा सकते हैं.
क्षुद्रग्रह का इस्तेमाल हालांकि स्जापुदी ने इन समस्याओं पर अध्ययन करके बताया है कि हम पूरी पृथ्वी को ढंकने की बात ही नहीं कर रहे हैं. इसके बजाय ऐसे छाते या ढाल को सूर्य के एक ओर ऐसी जगह पर लगाया जाएगा कि वह सिफ सौर विकिरणों को पृथ्वी पर आने से रोके सके. उन्होंने बताया कि इसके लिए हम किसी क्षुद्रग्रह का उपयोग कर सकते हैं. स्जापुदी ने बताया कि क्षुद्रग्रह छाते के वजन के साथ इसकी लागत को भी काम कर सकता है. स्जापुदी ने बताया कि ढाल या छाते का अनुमानित वजन 35,000 टन होगा, जिसे पृथ्वी से लॉन्च किया जाएगा.