खरीफ फसलों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दालों की बुआई का हिस्सा घटा है. इसके असर से आने वाले दिनों में दालों के दाम में तेज इजाफा देखने को मिल सकता है. हालांकि विशेषज्ञों को लगता है कि सरकार विदेश से दालों का आयात बढ़ाकर दाम काबू में करने की कोशिश भी कर सकती है.
इक्रा रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में कमजोर मॉनसून के पूर्वानुमान के चलते खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के स्तर तक पहुंचने के आसार धूमिल हो गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 28 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ की फसल पिछले साल के मुकाबले फिलहाल मामूली पीछे है.
पिछले साल के 75.5 फीसदी के मुकाबले इस साल 75.3 फीसदी हिस्से में फसल बोई गई है. हालांकि, इसमें आने वाले दिनों में और कमी की आशंका भी जताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक मौसम विभाग ने अगस्त महीने में सामान्य से कुछ कम मॉनसून का पूर्वानुमान जताया है.
इन राज्यों में बुआई कम
खरीफ की कुल फसल में दालों का हिस्सा 11.3 फीसदी घटा है. वहीं, कपास की फसल एक फीसदी कम है. पिछले साल के मुकाबले बुआई 1.23 मिलियन हेक्टेयर में कम हुई है. राज्यों की बात की जाए तो यूपी, राजस्थान में बुआई बढ़ी है. वहीं, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में कमी आई है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने ‘हिन्दुस्तान‘ से कहा कि सरकार को हालात पर नजर बनाए रखते हुए जमाखोरी पर पहले से ही लगाम लगानी चाहिए ताकि दामों को गलत तरीके से न बढ़ाया जा सके.