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छोटे भूकंप का पहले पता लगाना संभव

 तमाम वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद आज भी भूकंप का पूर्वानुमान कर पाना असंभव है, लेकिन वैज्ञानिकों ने हिम्मत नहीं हारी है. एक नए अध्ययन में दावा किया गया कि कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के इस्तेमाल से अब भूकंप के बाद आने वाले छोटे भूकंपों का सटीक पूर्वानुमान लगा पाना संभव है.

अब उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में एआई के इस्तेमाल से सभी प्रकार के भूकंपों का पूर्वानुमान कर पाना संभव हो सकता है. दुनिया में हर साल भूकंप से हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती है तथा लाखों लोग बेघर हो जाते हैं. संपत्ति को भारी क्षति पहुंचती है. यह पाया गया कि एक बड़ा भूकंप आने के बाद कई छोटे भूकंप आने का भी खतरा रहता है. अमेरिका, ब्रिटेन और इस्राइल के वैज्ञानिकों ने तीन अलग-अलग अध्ययनों में मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बड़े भूकंप के बाद आने वाले छोटे भूकंपों का सटीक पूर्वानुमान लगाने के मॉडल विकसित किए हैं. नेचर जर्नल में इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की गई है.

इस शोध पर स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की भूकंप विज्ञानी लाइला मिजराही ने कहा कि यह शोध इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण हैं कि मशीन लर्निंग के इस्तेमाल को भूकंप की भविष्यवाणी के लिए प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जाने लगा है. इससे आने वाले समय में सभी प्रकार के भूकंपों की भविष्यवाणी का रास्ता खुल जाएगा.

शोध के अनुसार, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के भूकंप विज्ञानियों ने दक्षिणी कैलिफोर्निया में 2008-2021 के बीच आए हजारों भूकंपों का मशीन लर्निंग मॉडल तैयार किया है जिसके आधार पर बड़े भूकंप के बाद आने वाले छोटे भूकंपों के पैटर्न, समय और दिन का निर्धारण किया जा सकता है. यह मॉडल परंपरागत मॉडलों की तुलना में ज्यादा सटीक पाया गया. इसी प्रकार ब्रिस्ट्रोल यूनिर्विसटी, ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने इटली में 2016-17 के बीच आए भूकंपों के आधार पर एक एआई मॉडल तैयार किया है. जबकि इजरायल की यूनिवर्सिटी ऑफ तेल अवीब के शोधकर्ताओं ने जापान में 30 साल के भूकंपों पर मशीन लर्निंग की मदद से मॉडल तैयार किया है. तीनों मॉडल सटीक नतीजे दे रहे हैं.

नेचर की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का भूगर्भ विज्ञान विभाग अब भूकंप के पूर्वानुमान के लिए आधिकारिक रूप से मशीन लर्निंग का इस्तेमाल शुरू करने पर विचार कर रहा है. मशीन लर्निंग एआई की वह विधा है जिसमें कंप्यूटर अनुभवों एवं आंकड़ों के आधार पर स्वत नतीजा निकालते हैं. कई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इसका सफल इस्तेमाल हो रहा है.

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