कमर से लेकर गर्दन और अन्य जोड़ों में होने वाला दर्द अब सिर्फ बुजुर्गों को होने वाली बीमारी नहीं रह गई है. खराब जीवनशैली की वजह से युवा भी इसके शिकार बन रहे हैं. एम्स के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक, राजधानी में 58 फीसदी युवा जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं.
एम्स के रुमेटोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उमा कुमार ने बताया कि सबसे अधिक युवा गर्दन के दर्द से परेशान हैं. सर्वे में यह पता चला कि 56 प्रतिशत युवाओं में सबसे अधिक गर्दन के दर्द की परेशानी है. साथ ही 29 प्रतिशत युवाओं मे कंधों में दर्द की शिकायत है. सर्वे में यह भी पता चला कि 27 प्रतिशत युवा कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत कर रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह भी है कि नौ प्रतिशत युवा ऐसे हैं, जो घुटनों में दर्द से परेशान हैं. हाथ की कलाइयों में दर्द से भी नौ प्रतिशत युवा ग्रसित हैं. यह अध्ययन स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले या काम करने वाले 510 लोगों पर किया गया है.
ज्यादा स्क्रीन टाइम कर रहा सेहत खराब डॉ. उमा कुमार ने बताया कि लोगों में जोड़ों में दर्द की बड़ी वजह मोबाइल, टैब और लैपटॉप जैसे गैजेट्स का अत्यधिक इस्तेमाल है. ऐसे लोग जो सप्ताह में कम से कम पांच दिन 6 घंटे से अधिक समय स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप या टीवी जैसी डिजिटल स्क्रीन पर बिताते हैं, उनमें जोड़ों में दर्द की समस्या अधिक होती है.