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पुरानी बाइक या स्कूटर खरीदने से पहले रखें किन बातों का ख्याल? जानें डिटेल

नई बाइक हो या सेकेंड हैंड बाइक, बाइक के प्रति एक बाइकर का प्यार उतना ही रहता है. पहली बार बाइक खरीदना एक खास अहसास होता है. कुछ लोग नई बाइक खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, या यूं कह लें वो अफ़्फोर्ड नहीं कर सकते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपने सपने को छोड़ देना चाहिए. जिनके पास कम बजट है, उनके लिए सेकेंड हैंड बाइक खरीदना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. चलिए, जानते हैं कि सेकेंड हैंड बाइक खरीदने से पहले कौन सी बातें ध्यान रखने योग्य हैं.

फोटो देखकर ना करें फाइनल
कभी भी पुरानी बाइक खरीदते समय ऑनलाइन सिर्फ तस्वीरों को देख कर ही बाइक को फाइनल नहीं करना चाहिए. बल्कि बाइक को हमेशा सामने से जाकर देखें. अगर बाइक को सीधा किसी ओनर से खरीद रहे हैं तो साफ कह दीजिए कि पूरी जांच कराने के बाद ही डील फाइनल करेंगे. किसी भी तरह के झांसे में फंसने से बचें.

जरूरत और रिसर्च
पुराना वाहन खरीदने से पहले आपको अपनी जरूरत पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि टू-व्हीलर कई तरह के होतें है. अगर आप रोज आने-जाने के लिए टू-व्हीलर की तलाश में हैं, तो आपको एक ऐसा मॉडल लेना चाहिए, जो ज्यादा माइलेज देता है. अगर आप लॉन्ग राइडिंग के लिए मोटरसाइकिल की तलाश में हैं, तो आपको एक ऐसे मॉडल का चयन करना चाहिए जिसमें एक पावरफुल इंजन हो. इसके अलावा, अलग-अलग विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म की जांच करें.

हर जगह कीमत चेक करें
सेकेंड हैंड बाइक लेने से पहले एक बार कीमत जरुर चेक करें. जिस बाइक को आपने पसंद किया है कहीं वो सेकेंड हैंड के हिसाब से अधिक महंगी तो नहीं है. बाजार में पुरानी बाइक के मिलने वाले हर सोर्स पर बाइक की कीमत को चेक कर लें.

बाइक के सभी पार्ट की जांच-पड़ताल करें
सबसे पहले बाइक के बाहरी हिस्सों को जांच लें और सुनिश्चित कर लें कि उसमें किसी तरह के स्क्रेचेस न हो. बाइक के सभी पैनल को हिलाकर देखें कि कहीं उसमें किसी तरह की आवाज तो नहीं आ रही है या फिर कोई पार्ट टूटा तो नहीं है. इसके बाद उसके ओडोमीटर रीडिंग को देखें, ताकि वाहन को कितना उपयोग किया जा चुका है इस बात का पता चल सके.

चेसिस नंबर चेक करें
आप जिस बाइक को खरीदने जा रहे हैं, उसके साथ सहज होने के बाद इसके चेसिस नंबर की जांच के लिए कुछ समय निकालें. प्लेट और इंजन पर लगे नंबर का मिलान होना चाहिए. पुरानी बाइक्स पर इस नंबर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है लेकिन मैकेनिक इसे आसानी से ढूंढ सकता है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में भी यही चेसिस नंबर लिखा होना चाहिए.

मांगे पूरे कागज
डीलर या प्राइवेट सेलर से बाइक के कागजों के साथ साथ सर्विसिंग के कागज मांगना न भूलें।. सुनिक्षित कर लें कि बाइक चोरी की नहीं हो या एक्सीडेंट के किसी मामले में नहीं फंसी हो. अगर डीलर या सेलर बाइक की पहली खरीद की भी रसीद देता है, तो यह वाकई काम की डील हो सकती है.

टेस्ट राइड जरूर लें
टू-व्हीलर खरीदने से पहले कभी उसे ऊपर से ही देखकर फैसला नहीं लेना चाहिए. पहले उसे अच्छी तरह से चलाकर चेक जरूर कर लें. जैसे इंजन के चारों ओर किसी भी प्रकार के तेल रिसाव या रिसाव, फ्रेम में किसी प्रकार की जंग, इंजन से निकलने वाला धुआं या उसमें से कोई असामान्य आवाज और क्लच और ब्रेक की चिकनाई की जांच करें. इसके अलावा, स्विच, लाइट और सेल्फ-स्टार्ट की जांच करें. गाड़ी के टायरों की जांच करें. इसके अलावा मॉडल के चेसिस नंबर की जांच करें और प्लेट और इंजन पर लगे नंबर का मिलान करें. इन सभी को जांचने के बाद, गाड़ी की परफॉरमेंस जांचने के लिए टेस्ट ड्राइव जरूर लें.

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