28 अक्टूबर को भारत के इतने शहरों में देख सकेंगे साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
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सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लग रहा है. यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल प्रभावी माना जाएगा. ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण एक बड़ा ग्रहण होगा, क्योंकि इस ग्रहण का बहुत अधिक राशियों पर पड़ेगा. चंद्रमा से प्रभावित होने वाली राशियां इससे प्रभावित होंगीं. वहीं ग्रहण के बाद किए जाने वाले दान भी किए जाएंगे. ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजे से लग जाएगा, तो देशभर के सभी मंदिरों में दर्शन बंद हो जाएंगे. इसके अलावा शरद पूर्णिमा होने के कारण खीर प्रसाद नहीं मनेगा. क्योंकि चंद्रमा उस समय ग्रहण से ग्रसित होगा, इसलिए उसकी रौशनी में खीर नहीं रखी जाएगी.
ग्रहण पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, उत्तर-पूर्वी उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. भारत में भी चंद्र ग्रहण दिल्ली, गुवाहटी, दयपुर, उज्जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, समेत कई शहरों में नजर आएगा. आंशिक चंद्र ग्रहण आधी रात के आसपास भारत के सभी स्थानों पर दिखाई देगा. ग्रहण की अवधि 1 घंटा 19 मिनट रहेगी. ग्रहण का उपच्छाया चरण 01 बजे शुरू होगा. 29 अक्टूबर को 05 मिनट और 02:24 मिनटपर समाप्त होगा.
नासा के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है. जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में स्थित होती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा की सतह धुंधली हो जाती है और कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चंद्रमा की सतह एकदम लाल हो जाती है. प्रत्येक चंद्र ग्रहण पृथ्वी के आधे भाग से दिखाई देता है.