देश में दूरसंचार कंपनियों और सरकारी संस्थान सी-डॉट की नई तकनीक की बदौलत आने वाले दिनों में भारत 6जी के मामले में भी काफी आगे रहने वाला है. यह आधुनिक तकनीक देश के भीतर कम कीमत में दूरसंचार का नेटवर्क स्थापित करने में खासी मददगार होगी. इससे भविष्य में दूरसंचार सेवाएं सस्ती और आसान होने की संभावना है.
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2023’ में देश की दूरसंचार कंपनियों ने नई तकनीक पर आधारित अपने कई उत्पाद पेश किए हैं. जानकारों की राय में ये उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैमानों पर खरे उतरते हैं और ऐसे में इनके निर्यात की भी प्रबल संभावनाएं हैं.
5जी रेडियो उपकरण रिलायंस जियो ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5जी रेडियो उपकरणों का प्रदर्शन भी किया है. कंपनी का दावा है कि यह उत्पाद पूरी तरह मेक इन इंडिया है. इन्हें इन-डोर और आउटडोर दोनों जगहों के हिसाब से तैयार किया गया है.
वोडाफोन-आइडिया की गुरुशाला वोडाफोन-आइडिया ने मोबाइल तकनीक के साथ-साथ खास तौर पर गुरुशाला ऐप और वेबसाइट का प्रदर्शन किया है. इसके माध्यम से शिक्षकों को अध्यापन से जुड़े बदलावों के बारे में बताया गया है. इसमें अध्यापन को निखारने के विकल्प भी हैं.
बीएसएनएल की 4जी सेवा दिसंबर में शुरू सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की इस साल दिसंबर में 4जी सेवा की शुरुआत की योजना है. बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि छोटे स्तर पर शुरुआत करने के बाद कंपनी इसे अखिल भारतीय स्तर पर अगले साल जून तक लागू कर देगी. पुरवार ने यहां ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में कहा कि बीएसएनएल की योजना जून के बाद 4जी सेवा को 5जी सेवा में बदलने की है.
सी-डॉट ने साइबर सुरक्षा के लिए सिस्टम तैयार किया
भविष्य को देखते हुए सी-डॉट ने साइबर साइबर सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए भी सिस्टम तैयार किया है. सी-डॉट के सीईओ राज कुमार उपाध्याय ने हिंदुस्तान को बताया है कि उनके संस्थान का फोकस भविष्य की चुनौतियों को लेकर अभी से रणनीति तैयार करने पर है.
जियो का ‘इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम’
बाढ़, आग और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए रिलायंस जियो ने ‘इमरजेंसी रिस्पॉस कम्युनिकेशन सिस्टम’ प्रदर्शित किया है. कंपनी का दावा है कि इससे आपदा के दौरान लोगों की जिंदगी बचाना आसान हो जाएगा.
कौशल विकास में इजाफा करने की तैयारी
वहीं, रिलायंस समूह की कंपनी जियो ने आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर कौशल विकास को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. कंपनी की ओर से देशभर में 1000 ऐसे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी है, जहां प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन समेत अन्य क्षेत्र से जुड़े कामगारों के कौशल को निखारा जाएगा. ये संस्थान ज्यादातर देश के ग्रामीण इलाकों में खोले जाएंगे.