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वीवो पर अरबों रुपये चीन भेजने का आरोप

ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो और कुछ अन्य के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया. धन शोधन रोकथाम अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने शिकायत दायर की और इस मामले में वीवो कंपनी समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया. साथ ही ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो द्वारा 2014 से 2021 के बीच 62 हजार 476 करोड़ रुपये की रकम चीन को हस्तांतरित की गई.

मुखैटा कंपनियों को रकम भेजी ईडी ने दावा किया कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच कंपनी ने एक लाख करोड़ रुपये रकम किराए पर ली गई 19 शेल कंपनियों को भेजी ताकि भारतीय कंपनियों पर वीवो के नियंत्रण की बात भारतीय अधिकारियों तक न पहुंच पाए. प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल जज किरण गुप्ता की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. कोर्ट मामले में 13 दिसंबर को सुनवाई करेगा.

एमडी समेत चार लोग गिरफ्तार जांच एजेंसी ने लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरिओम राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल थे. इन चारों समेत कंपनी को भी प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र में नामित किया. ईडी ने दावा किया कि चारों आरोपियों की कथित गतिविधियों ने वीवो को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया. जुलाई 2022 में ईडी ने वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ छापा मारा था. इसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े बड़े धन शोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था.

फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप

ईडी ने वीवो की सहयोगी कंपनी ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) के खिलाफ पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद तीन फरवरी को एक सूचना रिपोर्ट दायर की. पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जीपीआईसीपीएल और उसके शेयरधारकों ने दिसंबर 2014 में कंपनी के गठन के समय फर्जी दस्तावेजों गलत पते का इस्तेमाल किया था.

आरोपों को नकारा

ईडी के आरोपों के जवाब में हरिओम राय ने बताया था कि उनकी कंपनी और वीवो-इंडिया ने एक दशक पहले एक संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए बातचीत की थी. 2014 के बाद से वीवो से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

केंद्र को धोखा दिया

ईडी ने वीवो पर देश में एक जटिल नेटवर्क स्थापित करने और उसके माध्यम से केंद्र सरकार को धोखा देने का आरोप लगाया.

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