रायपुर: मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान आंख में लेंस बिठा नहीं पाया डॉक्टर, हालत बिगड़ी,

रायपुर. माना के सरकारी अस्पताल में एक 50 वर्षीय व्यक्ति के मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान सर्जन की लापरवाही से आंख की रोशनी जाने की आशंका है. मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन के लिए ले जाया गया, सर्जरी भी शुरू कर दी गई, लेकिन अंत में नेत्र सर्जन आंख में लेंस को ठीक से नहीं बिठा पाया. आनन-फानन में मरीज को आंबेडकर अस्पताल रैफर किया गया, लेकिन वहां विट्रेक्टॉमी मशीन बंद मिली. इसके बाद मरीज को एम्स रेफर किया गया. मरीज का ऑपरेशन सोमवार को होने की संभावना है.
जिला अस्पताल पंडरी का नेत्र विभाग माना में संचालित हो रहा है. पहली व दूसरी लहर में यह कोविड अस्पताल था. इसके बाद इसे आंखों का अस्पताल बनाया गया है. गुरुवार को रायपुर के ही 50 वर्षीय व्यक्ति की बांयी आंख में मोतियाबिंद सर्जरी के लिए मेडिकल अफसर डॉ. प्रखर जैन ओटी में ले गए. ओटी में ले जाने के बाद जैन मरीज की आंख का ऑपरेशन करने लगे, लेकिन लैंस बिठाने में असफल रहे. इससे आंख की रोशनी जाने का खतरा है. पहले ही व्यक्ति को काफी धुंधला दिख रहा था. केस बिगड़ते देख डॉक्टरों ने मरीज को आंबेडकर रैफर किया, लेकिन वहां से एम्स भेज दिया गया.
विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह का केस कॉमन नहीं है. अगर सर्जन अलर्ट न हो तो इस तरह का केस होता है. ऑपरेशन करने वाले डॉ. प्रखर ने दावा किया कि एम्स में सोमवार को सर्जरी के बाद रोशनी लौट सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा केस कभी-कभार हो जाता है.मरीज का केस बिगड़ने के बाद आंबेडकर अस्पताल भेजा गया था, लेकिन वहां जरूरी मशीन खराब होने के कारण एम्स शिफ्ट किया गया. वहां डॉक्टर आंख में लैंस लगाएंगे. इससे रोशनी लौटने की पूरी संभावना है.डॉ. निधि ग्वालारे, स्टेट नोडल अफसर अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम