विशेष न्यायालय ने रिश्वतखोर पटवारी हीरालाल ढीढी को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है. ये पूरा मामला धमतरी का है. न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार यह मामला जिले के मगरलोड ब्लाक की है. सरकारी वकील मोहित देवांगन ने बताया कि पांच साल पहले एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की टीम ने 18 सितंबर 2018 को प्रार्थी गणेश राम साहू से जमीन का नक्शा रेखांकित कराकर नक्शा, खसरा लेने के लिए नहरडीह के पटवारी हीरालाल ढीढी ने 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. किसान ने जैसे ही यह राशि पटवारी को दी, तभी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया. पटवारी को गिरफ्तार कर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अपने साथ ले गई. न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. विवेचना के बाद पुलिस ने केस डायरी न्यायालय में पेश किया गया, जहां मामले की अंतिम सुनवाई विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में चली. पांच साल पहले का यह मामला बेहद चर्चित रहा.
सजा एक नजर में
न्यायाधीश केएल चरयानी ने मामले में सारे सबूतों को देखने और गवाहों को सुनने के बाद अभियुक्त पटवारी हीरालाल ढीढी को दोष सिद्ध करार दिया. इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 के अपराध के आरोप में 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. अर्थदंड अदा नहीं करने पर उसे 6 माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा.