छत्तीसगढ़: फ्री इलाज कर रहे अस्पतालों के लिए 248 करोड़ जारी, 452 करोड़ बाकी

रायपुर. प्रदेश सरकार ने शनिवार को आयुष्मान भारत योजना व डॉ. खूबचंद बघेल योजना के तहत फ्री में किए गए इलाज का 247.50 करोड़ रुपए भुगतान कर दिया है. ये राशि सरकारी व निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से दिए जाएंगे. पिछले 6 माह से भुगतान नहीं होने से अस्पतालों की समस्या बढ़ गई है. इस दौरान 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान पिछली सरकार ने नहीं किया. अब 452 करोड़ रुपए बाकी है. इसे भी किस्तों में दिए जाने की संभावना है. राज्य नोडल एजेंसी दो साल पहले भुगतान की गई राशि की रिकवरी भी निकाल रही है. इससे अस्पतालों की समस्या बढ़ गई है. रिकवरी किस केस की जा रही है या कौन सा केस सस्पेक्टेड था, इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है. इस पर आईएमए ने भी नाराजगी जताते हुए एजेंसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदेश के 1588 सरकारी व निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से मरीजों का फ्री इलाज किया जा रहा है. यह इलाज सालाना 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक है. अस्पतालों को भुगतान नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है. कुछ अस्पताल मरीजों का फ्री इलाज से भी मना करने लगे हैं. दरअसल मरीजों को शासन से पैसे नहीं मिलने का हवाला देकर कैश से इलाज किया जा रहा है. पैकेज के बाद भी अतिरिक्त राशि लेने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शनिवार को विभाग के कामों की समीक्षा की. उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों की नियमित मॉनीटरिंग करने को कहा. इसके लिए राज्य नोडल एजेंसी में खाली प्रशासकीय एवं तकनीकी पदों को जल्द भरने को भी कहा है.
जायसवाल ने जिन अस्पतालों द्वारा योजना के विपरीत मरीजों से अतिरिक्त राशि लिए जाने की अथवा अन्य अनियमितता संबंधी शिकायतें प्राप्त होती है, उनकी जांच कर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. दरअसल राजधानी ही नहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में मरीजों से अस्पताल अतिरिक्त राशि लेने की शिकायतें आती रही हैं. कुछ अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. योजना के अंतर्गत इलाज कराने वाले मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उनकी दिक्कतें तत्काल दूर की जाएं. बैठक में एसीएस रेणु पिल्ले, कमिश्नर व हेल्थ डायरेक्टर ऋतुराज रघुवंशी, एमडी एनएचएम डॉ. जगदीश सोनकर, एमडी सीजीएमएससी पद्मिनी भोई साहू उपस्थित थे.