
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अपराध और अपराधी भौगोलिक सीमाओं का सम्मान नहीं करते. इसलिए, देश की विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी जांच और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की राह में किसी भी सीमा को बाधा नहीं मानना चाहिए.
शाह ने यहां कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस (सीएजीएससी-24) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए दावा किया कि जब हाल ही में बनाए गए तीन आपराधिक न्याय कानून लागू हो जाएंगे, तो प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर ही लोगों को हाईकोर्ट के स्तर तक न्याय मिल सकता है.
शाह ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा कि तीन नए कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद भारत में दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली होगी.
दुनिया जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रही
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रही है. उन्होंने पर्यावरणीय न्याय सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग का सुझाव दिया. राष्ट्रमंडल कानून अधिकारियों के सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय वितरण के विषय में हमें सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए.