राष्ट्रीय

तहखाने में पूजा रोकने को लेकर अर्जी पर सुनवाई शुरू

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा-अर्चना किए जाने के मामले में सुनवाई शुरू हो गई. सुनवाई से पहले अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद ने संशोधन अर्जी दाखिल की. अर्जी में 17 जनवरी के जिला जज वाराणसी के आदेश को चुनौती दी गई है.

कोर्ट ने 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील में प्रस्तुत संशोधन अर्जी विचारार्थ स्वीकार कर ली है. अर्जी पर दोनों पक्षों ने तर्क रखे. कोर्ट ने बुधवार भी सुनवाई जारी रखने को कहा है. अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद की अपील पर न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी, पुनीत गुप्ता ने बहस में कहा कि जब 17 जनवरी को मुकदमे में दाखिल 9ग की अर्जी मंजूर कर अदालत ने डीएम को रिसीवर नियुक्त करने की एक मांग मंजूर कर ली तो बिना अर्जी अदालत ने 31 जनवरी को पूजा अर्चना का कैसे आदेश दे दिया.

मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सीपीसी की धारा 15 में अदालत को विवेकाधिकार है.

कोर्ट ने सुनवाई का मीडिया ट्रायल किए जाने पर आपत्ति की और यह भी कहा कि दोनों पक्ष मीडिया ट्रायल से बचें.

पूजा मामले पर सुनवाई अब 15 फरवरी को
सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में मंगलवार को भी ज्ञानवापी से जुड़े एक और प्रकरण में सुनवाई टल गई. इससे पूर्व प्रतिवादी अंजुमन इंतिजामिया की ओर से वाद की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. अदालत अब 15 को सुनवाई करेगी. प्रकरण में वाद दाखिल कर सावन में ज्ञानवापी परिसर में प्रकट आदिविश्वेश्वर (शिवलिंग की आकृति) की पूजा-अर्चना और राग-भोग की मांग की गई है.

शिवलिंग की आकृति केस में प्रशासन रखेगा पक्ष
ज्ञानवापी स्थित शिवलिंग की आकृति से छेड़छाड़ मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दाखिल निगरानी अर्जी पर अपर जिला जज चौदहवें देवकांत शुक्ला की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. वादी की ओर से अधिवक्ताओं ने बहस पूरी कर ली है. बुधवार को जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से सरकारी अधिवक्ता पक्ष रखेंगे.

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