दावा रहित राशि लौटाने में मदद करेंगे बीमा एजेंट
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भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बिना दावे वाली बीमा पॉलिसी के मामलों में बड़ा बदलाव किया है. नियामक ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे दावारहित राशि लौटाने में बीमा एजेंट की मदद लें. इसके लिए एजेंटों और मध्यस्थों को ऐसी पॉलिसी के ग्राहकों का पता लगाना होगा और सभी दावा रहित पॉलिसी में उनके संपर्क विवरण, बैंक खाते आदि को अपडेट करना होगा.
इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे अपने एजेंटों और मध्यस्थों को उनके द्वारा बेची गई पॉलिसियों के प्रति जवाबदेह बनाएं. इसके तहत बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि एजेंट या मध्यस्थ अपने ग्राहकों के प्रस्ताव फॉर्म और आवेदन पत्र जमा करते समय अपना फोन नंबर या ईमेल आईडी न दें.
लावारिस पॉलिसी की परिभाषा तय इसके साथ ही इरडा ने दावा न की गई राशि की परिभाषा को भी संशोधित किया है. अब ऐसी पॉलिसी, जहां मुकदमेबाजी, क्लेम पर किसी तरह की आपत्ति अथवा सरकारी एजेंसियों द्वारा पॉलिसी को फ्रीज करने के कारण दावा राशि रोक दी गई है, उन्हें लावारिस राशि नहीं माना जाएगा. नियामक ने स्पष्ट किया कि जिन पॉलिसी में लाभार्थी या उपभोक्ता संपर्क योग्य नहीं हैं, उन्हें लावारिस की श्रेणी में रखा जाएगा.