सेना की पुरानी वर्दी से तोहफे, सजावटी सामान बनेंगे

सेना की पुरानी वर्दी को सम्मान दिलाने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत पुरानी वर्दी से तोहफे में दिए जाने वाले सामान तैयार किए जाएंगे.
सेना के दो पूर्व अफसरों ने इस दिशा में अनूठी पहल करते हुए एक संस्था ‘वर्दी’ की शुरुआत की है. इसके साथ ही दिल्ली के कैंट इलाके में पुरानी वर्दी एकत्र करने के लिए अभियान भी शुरू किया गया है. वैसे, पूर्व सैनिकों को ऑनलाइन वर्दी दान करने का विकल्प भी दिया जा रहा है. देश में हर साल तीनों सेनाओं से 50-60 हजार सैनिक और अधिकारी सेवानिवृत्त होते हैं. सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपनी वर्दी को घर में बक्से में संभाल कर रखते हैं. जो सालों पड़ी रहती है. वर्दी को दोबारा इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं होता है. आम लोग पुराने कपड़े गरीब लोगों को दे देते हैं लेकिन सेना की वर्दी के मामले में इसकी अनुमति नहीं है.
पुरानी वर्दी का सम्मान
कर्नल (सेवानिवृत्त) संजय मेहरोत्राने बताया कि इसका उद्देश्य सेना की पुरानी वर्दी को सम्मान दिलाना है. जो आय होगी उसे शहीदों के परिजनों पर खर्च किया जाएगा. जरूरतमंदों सैन्य परिवारों की मदद भी होगी. साथ ही इससे समाज में सेना के प्रति चेतना भी पैदा होगी. इस पहल के जरिए कई लोगों के लिए रोजगार भी सृजित होंगे. इस अभियान में तीनों सेनाओं की पुरानी वर्दी दान में ली जाएगी. वर्दी पर लगे स्टार और निशानों को सैन्यकर्मी को लौटा दिया जाएगा.
पोर्टल की शुरुआत, कैंट में कई जगह बॉक्स रखे गए
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सुनील तलवार और कर्नल (सेवानिवृत्त) संजय मेहरोत्रा ने यह अनूठी पहल शुरू की है. उन्होंने बताया कि विगत दिवस एक कार्यक्रम में मेजर जनरल राजन कोचर ने इसके लिए एक पोर्टल की भी शुरुआत कर दी है. साथ ही सेना से अनुमति लेकर कैंट इलाके में कई जगह बॉक्स रखे गए हैं, जिनमें सैन्यकर्मी और पूर्व सैनिक अपनी पुरानी वर्दी डाल रहे हैं. कर्नल मेहरोत्रा ने बताया कि पुरानी वर्दी से ऐसे सामान तैयार किए जाएंगे, जिन्हें तोहफे के रूप में दिया जा सके. जैसे विभिन्न प्रकार के बैग, दीवारों के लिए सजावटी आइटम, पर्स, सजावटी सामान आदि इसमें शामिल हैं. इन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.