प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुधवार को कोलकाता में हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखा दी है. दोनों स्टेशनों के बीच सुरंग की कुल लंबाई 4.8 किलोमीटर है. इसमें, 1.2 किमी सुरंग हुगली नदी में 30 मीटर नीचे है. यह भारत में किसी भी बड़ी नदी के नीचे पहली परिवहन सुरंग है. इसके अलावा हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश का सबसे गहरा स्टेशन भी बन गया है.
यह सुरंग ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना का एक हिस्सा है जो सेक्टर पांच से शुरू होती है और वर्तमान में सियालदह में समाप्त होती है. मेट्रो रेल के मुताबिक, इस कॉरिडोर की पहचान 1971 में शहर के मास्टर प्लान में की गई थी.
कोलकाता मेट्रो ने अप्रैल, 2023 में एक मील का पत्थर छुआ, जब इसका रेक देश में पहली बार हुगली नदी के नीचे एक सुरंग से होकर गुजरा. मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा, ‘‘हावड़ा और कोलकाता, पश्चिम बंगाल के दो सदियों पुराने ऐतिहासिक शहर हैं और यह सुरंग हुगली नदी के नीचे से इन दोनों शहरों को जोड़ेगी.’’
देश के पहले अंडरवॉटर मेट्रो रेल की खासियतें
– 32 मीटर नीचे चलेगी हुगली नदी के तल से अंडरवाटर मेट्रो.
– 520 मीटर की दूरी 45 सेकंड में तय करेगी मेट्रो हुगली नदी के नीचे.
– 4.8 किलोमीटर की दूरी तक फैला यह खंड ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर महत्वपूर्ण बनाता है.
– 16.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का 10.8 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है.
– 2009 में शुरू हुआ ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का काम.
– 2017 में शुरू हुआ हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने का काम.
सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन
– देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल नदी और हावड़ा को कोलकाता से कनेक्ट करेगी.
– हावड़ा मैदान- एस्प्लेनेड मेट्रो टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनी पहली सुरंग है.
– हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है.
ऐसा है सिस्टम
इस मेट्रो में ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम लगा है. मोटरमैन के बटन दबाते ही ट्रेन अपने आप अगले स्टेशन के लिए मूव कर जाएगी. कोलकाता मेट्रो का लक्ष्य जून या जुलाई के आसपास साल्ट लेक सेक्टर वी और हावड़ा मैदान के बीच पूरे पूर्व-पश्चिम रूट पर कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू करना है.