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ज्ञानवापी परिसर में गुंबद के नीचे ज्योतिर्लिंग का दावा

सिविल जज सीनियर डिवीजन / फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत सिंह की कोर्ट में गुरुवार को वर्ष 1991 के आदि विश्वेश्वर मूलवाद प्रकरण में संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर गुरुवार को वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बहस शुरू की.

रस्तोगी ने दावा किया कि वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद के केंद्रीय गुबंद के केंद्र बिंदु के ठीक नीचे भगवान विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है. उसमें गंगाजी के स्रोत से सीधे जल आता है. इन सारे तथ्यों की प्रमाणिकता के लिए संपूर्ण परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे जरूरी है. कोर्ट ने बहस के लिए अगली तारीख 12 मार्च निर्धारित की.

बहस के दौरान वाद मित्र ने कहा कि आराजी नं. 9130 का एएसआई सर्वे किया गया है. जबकि आदि विश्वेश्वर के आराजी नं. 9131 व 9132 में क्या स्थिति है, इसकी जानकारी के लिए भी सर्वे जरूरी है. इस आराजी में भगवान आदि विश्वेश्वर का बड़ा मंदिर, बड़ी चहारदीवारी और बहुत पुराना मंदिर है. आराजी नंबर 9130 के एएसआई सर्वे रिपोर्ट में भी इसका दावा किया गया है.

ज्ञानवापी मस्जिद के केंद्रीय गुंबद के केंद्र बिंदु के नीचे भगवान आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है. वहां गंगाजी के स्रोत से जल आता है.

छत पर जाने से रोकने की अर्जी पर सुनवाई 18 को

सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की कोर्ट में गुरुवार को व्यासजी के तहखाने की छत पर मुस्लिमों को इकट्ठा होने से रोकने की अर्जी पर सुनवाई हुई. इस मामले में अब 18 मार्च को सुनवाई होगी. नंदीजी महाराज विराजमान व लखनऊ के जन उद्घोष सेवा संस्था के सदस्यों की ओर से इस संबंध में अर्जी पड़ी है.

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