भोजशाला का जीपीआर-जीपीएस से होगा विवादित स्थल का सर्वे

यूपी में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटे ईदगाह परिसर के बाद मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का पुरातात्विक सर्वेक्षण होगा. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया.
कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भोजशाला का वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वे करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने एएसआई को पांच विशेषज्ञों का दल बनाकर छह हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है. खंडपीठ ने कहा, विशेषज्ञ कमेटी दोनों पक्षकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह सर्वे करे. अदालत ने ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम सहित अन्य वैज्ञानिक तरीकों से सर्वे का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, परिसर के 50 मीटर के दायरे में जरूरत पड़ने पर खुदाई कराकर सर्वे करें. अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.
एएसआई सर्वे के आदेश के बाद एक बार फिर भोजशाला चर्चा में आ गया है. उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ ने अपने आदेश में एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे को जीपीआर-जीपीएस तरीके से करने के लिए कहा है.
जीपीआर यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की तकनीक है. इसमें रडार का उपयोग होता है. यह अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं के विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लेता है. इसी तरह जीपीएस सर्वे यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे किया जाएगा. बिल्डिंग की उम्र पता करने के लिए कार्बन डेटिंग का इस्तेमाल भी किया जाएगा.
एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला वसंत पंचमी के आते ही पूरे देश में चर्चा में आ जाता है. क्योंकि, वसंत पंचमी पर कई बार दोनों समुदाय (हिंदू-मूस्लिम) आमने-सामने आ चुके हैं. विवाद के कारण यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं. हालांकि, भोजशाला लंबे समय से विवादों में रही है. करीब 800 साल पुरानी इस भोजशाला को लेकर दोनों समुदाय के बीच मतभेद हैं. ज्यादा मुश्किल तब होती है, जब वसंत पंचमी शुक्रवार के दिन पड़ता है.
एक रुपये का टिकट लेकर जा सकते हैं भोजशाला परिसर में मंगलवार को ढोल, झांझ, मजीरे के साथ हिंदू समाज के लोग सुंदरकांड का पाठ करते हैं. इसके अलावा शुक्रवार को मुस्लिम समाज जुमे की नमाज पढ़ता है. बता दें, बाकी दिनों में परिसर सभी धर्म के लोगों के लिए खुला है. वहां कोई भी एक रुपये का टिकट लेकर अंदर जा सकता है.