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आलू-टमाटर-प्याज की बढ़ती कीमतों से शाकाहारी थाली महंगी

महंगाई का असर घर में खाने की थाली पर भी हो रहा है. मार्च महीने में शाकाहारी थाली सालाना आधार पर सात प्रतिशत तक महंगी हो गई है और इसका मुख्य कारण प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें बढ़ना हैं. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट में बताया कि आवक कम होने और कम आधार दर के कारण प्याज का दाम सालाना आधार पर 40 प्रतिशत, टमाटर का दाम 36 प्रतिशत और आलू का दाम 22 प्रतिशत बढ़ने से शाकाहारी थाली महंगी हो गई है.

मांसाहारी थाली के दाम में कमी दर्ज हुई

पॉल्ट्री की कीमतें घटने से पिछले महीने मांसाहारी थाली की लागत में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. मांसाहारी थाली की कीमत एक साल पहले की समान अवधि में 59.2 रुपये थी, जो पिछले महीने घटकर 54.9 रुपये रह गई. लेकिन फरवरी के 54 रुपये प्रति थाली की तुलना में इसकी कीमत अब भी अधिक है.

कैसे तय की गई थालियों की कीमत

घर में पकाई गई थाली की औसत लागत का कैलकुलेशन भारत के सभी भागों यानी उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. क्रिसिल की रोटी चावल रेट रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें सालाना आधार पर बढ़ने की वजह से शाकाहारी थाली महंगी हो गई. बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष-2023 में बाजारों में प्याज और आलू की कम सप्लाई के कारण टमाटर की कीमतों पर असर देखने को मिला था.

27.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई कीमत

शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां, चावल, दाल, दही और सलाद आता है. इस थाली की कीमत मार्च में बढ़कर 27.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 25.5 रुपये थी. हालांकि, फरवरी के 27.4 रुपये की तुलना में मार्च में शाकाहारी थाली की कीमत घटी है.

ब्रायलर के दाम में 5 प्रतिशत इजाफा

ब्रॉयलर मुर्गे की कीमतों में 16 प्रतिशत की गिरावट आने से सालाना आधार पर मांसाहारी थाली की लागत घटी है. मांसाहारी थाली में ब्रॉयलर का भारांक 50 प्रतिशत होता है. हालांकि, फरवरी की तुलना में मार्च में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होने और अधिक मांग से ब्रॉयलर की कीमतें पांच प्रतिशत बढ़ी हैं.

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