जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने दो आतंकियों के स्केच जारी किए

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के पुंछ आतंकी हमले को अंजाम देने वाले दो आतंकियों के स्केच सोमवार को पुलिस ने जारी किए. साथ ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा हुई है.
वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों का पुंछ जिले के सुरनकोट के शाहसितार इलाके में तलाशी अभियान जारी है. पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ऑपरेशन के तहत सशस्त्रत्त् बुलेटप्रूफ वाहन इलाके में गश्त कर रहे हैं. वाहनों की जांच के लिए डॉग स्क्वायड तैनात किया गया है. कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है. चार मई को हुए हमले में पांच जवान घायल हुए थे. पहाड़े ने अस्पताल में अंतिम सांस ली थी.
हमले के बाद से ही सुरनकोट व मेंढर के 20 किलोमीटर तक क्षेत्र में घेराबंदी की गई है. आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है. सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है. इलाके में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसओजी के एक हजार से अधिक जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है.
वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से शहीद जांबाज विक्की पहाड़े का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गृहनगर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लाया गया.
पांच साल के मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि
छिंदवाड़ा के स्थानीय मुक्तिधाम में सैन्य सम्मान के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में जांबाज जवान विक्की पहाड़े को मुखाग्नि उनके पांच वर्षीय पुत्र हार्दिक ने परिजनों की मदद से दी. इस दौरान हर आंख नम हो गई. इससे पहले हेलीकॉप्टर से लाए गए पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान ले गए.
शहीद की बहन ने मांगा न्याय, कहा- भाई पर गर्व
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शनिवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय वायु सेना के जवान कॉर्पोरल विक्की पहाड़े का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गृहनगर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा हेलीकॉप्टर से लाया गया.
इस दौरान शहीद की बहन गीता ने भाई के लिए न्याय की मांग की. साथ ही कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है.
पहाड़े के बहनोई संजू गौनेकर ने बताया कि वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे. पिता का भी निधन हो गया था. घर में अब पहाड़े का पांच साल का बेटा, पत्नी, मां और बहनें ही हैं. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सीएम मोहन यादव भी उनके घर पहुंचे. परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. आश्रित को सरकारी नौकरी देने के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए भारी जनसमूह भी उमड़ा.