छत्तीसगढ:समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद नए किसान भी पहुंच रहे हैं कर्ज लेने
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धमतरी. राज्य सरकार की ओर से धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब खेती-किसानी कार्य जोर पकड़ लिया है. किसानी के लिए नए सदस्य भी सामने आ रहे हैं. अब तक अऋणी किसान कहलाने वाले किसान भी अब ऋण लेकर खेती करने में रूचि दिखा रहे हैं. जिले में अब तक 9 हजार से ज्यादा किसानों ने 31 करोड़ 85 लाख रुपए का कृषि कर्ज लेकर खेती-किसानी का काम प्रारंभ कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में इस साल 325 करोड़ रुपए कृषि कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा गया है. रबी धान की कटाई-मिंजाई के बाद किसान उपज को बिक्री के लिए मंडी पहुंच रहे हैं.
धान बेचने के तत्काल बाद किसान सहकारी बैंकों में कृषि कर्ज के लिए पहुंच रहे हैं. 7 मई की स्थिति में धमतरी जिले में 9 हजार 513 किसानों ने कुल 31 करोड़ 85 लाख 61 हजार रुपए का कृषि कर्ज ले चुके हैं. इसमें किसानों ने 29 करोड़ 46 लाख 92 हजार रुपए नगद लिया है, वहीं 2 करोड़ 38 लाख 69 हजार रुपए खाद-बीज के रूप में कर्ज लिया है, जो लक्ष्य के विरूद्ध दस फीसदी है. बता दें कि अजा वर्ग के 246 किसानों ने 77 लाख 1 हजार रुपए तथा अजजा वर्ग के 883 किसानों ने 3 करोड़ 4 लाख 93 हजार रुपए कर्ज लिया है. इसके अलावा धमतरी जिले में अब तक 28 नए किसान सदस्य बने है तथा 39 किसान अऋणी से ऋणी बने है.
कृषि कर्ज लेने में कुरूद, दरबा और भखारा के किसान आगे हैं. कुरूद के 1038 किसानों ने 4 करोड़ 3 लाख रुपए का कर्ज लिया है. इसी तरह दरबा समिति के 1042 किसानों ने 4 करोड़ 2 लाख तथा भखारा समिति के 1268 किसानों ने 4 करोड़ 71 लाख रुपए का कर्ज लिया है. मरौद समिति में किसानों ने 3 करोड़, मगरलोड में 3 करोड़ 26 लाख तथा धमतरी समिति में 3 करोड़ 44 लाख रुपए कृषि कर्ज वितरण किया गया है.
लगातार हो रही समीक्षा
इधर, सहकारी बैंक की ओर से किसानों को कृषि कर्ज लेने में कोई परेशानी न हो, इसलिए लगातार समिति स्तर पर समीक्षा बैठक भी ली जा रही है. नोडल अधिकारी शिवेश मिश्रा धमतरी के साथ ही कुरूद, नगरी, मगरलोड समेत सभी सहकारी बैंकों और समितियों के अधिकारियों से लगातार संपर्क साधे हुए हैं. किसी भी तरह की शिकायत आने पर किसानों से सीधे नोडल शाखा में संपर्क करने कहा गया है.