छत्तीसगढ़

तेंदूपत्ता के ठेकेदार बच्चों से करा रहे हैं मजदूरी

कौड़ीकसा: बाल मजदूरी अपराध है. इसके बाद भी तेंदूपत्ता की खरीदी करने आए ठेकेदार नियम विपरीत बाल श्रमिकों से काम करवा रहे हैं. मौसम के बेरूखी के बाद भी तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य जोरों से चल रहा है.

ग्रामीणों द्वारा तेंदूपत्ता तोड़ाई के बाद बंडल बांध कर संग्रहण केन्द्र पर लाकर बिक्री की जाती है जिसे तेंदूपत्ता ठेकेदार के कर्मचारियों की उपस्थिति में खरीदा जाता है. तेंदूपत्ता को कतारबद्ध तरीके से सूखा रहे हैं. एक-दो दिन सूखने के बाद बंडल को पलट कर सूखाया जाता है जिसके लिए नाबालिग बाल श्रमिकों से मजदूरी करवा कर उनका शोषण किया जा रहा है. ऐसे ही वनोपज सहकारी समिति अरजकुंड के अन्तर्गत मुरेटीटोला संग्रहण केन्द्र पर नाबालिक जोखिम उठाकर तेंदूपत्ता बंडल पलटाई कार्य करते दिखे.

ठेकेदार के कर्मचारी का कहना था कि फड़ मुंशी काम पर लगाया है. नाबालिक से काम करवाने के सवाल पर कहा कि काम के बदले पैसा देते हैं.

तेंदूपत्ता को खुले स्थान पर सुखाया जाता है. पत्ता बंडल में नमी रहने से कई प्रकार के कीड़े-मकोड़े घुस जाते हैं जिसमें से कुछ विषैले भी रहते हैं. कई बार तो जहरीले सर्प भी घुस जाया रहते हैं. विषैले कीड़े-मकोड़े के काटने से कुछ अनहोनी हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन रहेगा? कैशियर भीमराज जनबन्धु का कहना था कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है.

क्या कहता है नियम

बाल श्रम अधिनियम 2016 के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रोजगार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. नाबालिक को व्यवसाय या प्रक्रिया में नियोजित करने पर छह महीने से दो साल के बीच की सजा या बीस हजार से पचास हजार रुपए तक दण्ड का प्रावधान है.

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