धर्म एवं साहित्य

DesiGirl पहुंची Kashi Vishwanath Temple

बनारस. बारह ज्योतिर्लिंग में से एक काशी की महीमा अपरमपार है. यही कारण है कि यहां रोजाना लाखों भक्त रोजाना बाबा विश्वनाथ के दर्शन पहुंचते है. यहां रोजाना कई ब्लॉगर भी पहुंचे है, ऐसे ही एक ब्लॉगर DesiGirl Traveller भी बनासर पहुंची.

पूरा वीडियो यहां है मौजूद

Kashi Vishwanath Temple का इतिहास

प्रारंभिक निर्माण

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है. इसका उल्लेख पुराणों और कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. कहा जाता है कि इस मंदिर का सबसे पहला निर्माण राजा हरीशचन्द्र ने 11वीं शताब्दी में करवाया था.

विध्वंस और पुनर्निर्माण

  • 1194 ईसवी में विध्वंस: मुहम्मद गौरी ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया था.
  • 1447 ईसवी में विध्वंस: जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने इस मंदिर को फिर से तोड़ा.
  • 1632 ईसवी में शाहजहां का प्रयास: शाहजहां ने मंदिर को तुड़वाने के लिए सेना भेजी थी, लेकिन सेना सफल नहीं हो पाई.
  • 1669 ईसवी में औरंगजेब का विध्वंस: औरंगजेब ने मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.

पुनर्निर्माण

मंदिर का पुनर्निर्माण कई बार हुआ, लेकिन वर्तमान संरचना का निर्माण 1780 में मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया. उन्होंने मंदिर को भव्य रूप से पुनर्निर्मित किया और इसे वर्तमान स्वरूप प्रदान किया.

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

काशी विश्वनाथ मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है. यहां पर शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस, संत एकनाथ, महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद और गोस्वामी तुलसीदास जैसे कई महापुरुषों ने दर्शन किए और अपने चरण रखे. इस मंदिर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है और यहां की शिवलिंग को स्वयंभू (स्वयं प्रकट) माना जाता है.

वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, इस मंदिर के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है और लाखों श्रद्धालु हर साल यहां दर्शन करने आते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का भी प्रतीक है.

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