छत्तीसगढ़: गर्मी से नर तेंदुए की मौत, कानन जू में चल रहा था इलाज
बिलासपुर. कटघोरा वन मंडल से लाए गए बीमार 3 वर्षीय तेंदुए की कानन पेंडारी में इलाज के दौरान मौत हो गई. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया. तब पता चला कि मृतक तेंदुआ हीट स्ट्रोक के शिकार हो गया था, जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई थी.
तेंदुए की मौत के बाद वाइल्ड लाइफ सीसीएफ और डिप्टी डायरेक्टर के उपस्थिति में कानन पेंडारी में अंतिम संस्कार कर दिया गया. भीषण गर्मी पड़ने के कारण जंगल में पानी की कमी पड़ गई है. इससे जानवरों की जान खतरे में है. बिलासपुर वन वृत्त के कोरबा वन मंडल के कटघोरा वन परिक्षेत्र एतमानगर परिसर कोनकोना के कक्ष क्रमांक ओए 734 में 3 वर्षीय एक नर तेंदुए को बीमार अवस्था में देखा गया. कटघोरा वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने कोरबा वन मंडल को जानकारी दी. कोरबा वन मंडल के डीएफओ व अन्य अधिकारी-कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे. जहां अधिकारियों व डाक्टरों के अनुसार तेंदुआ हीट स्ट्रोक के कारण सुस्त अवस्था में पड़ा हुआ था. इसकी जानकारी तत्काल अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत कानन पेंडारी मीडियम जू के अधिकारियों व डाक्टर को दी गई. उच्चाधिकारियों के आदेश पर तेंदुए का रेस्क्यू कर मौके पर प्राथमिक उपचार किया गया, लेकिन इससे तेंदुआ की हालत में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ.
लाखों खर्च के बाद भी जंगलों में पानी की कमी
शासन द्वारा जंगल के वन्य प्राणियों को गर्मी के मौसम में बचाने पानी की आपूर्ति के लिए लाखों रुपए विभाग को आवंटित किया जाता है. इसके बावजूद जंगलों में जानवरों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. पानी के अभाव में बिमार पड़ने लगे हैं. तेंदुए की मौत से स्पष्ट हो गया है कि बिलासपुर रेंज के जंगलों में पानी की कमी है. जंगल में जलस्त्रोत सूख चुके हैं. जानवरों की मौत पानी न मिलने से हो जा रही है.