गौतम अडानी समूह ई-कॉमर्स और फाइनेंस सेक्टर में कारोबार विस्तार की योजना बना रहा है. समूह ना सिर्फ यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के लिए लाइसेंस आवेदन करने वाला है बल्कि को-ब्रांडेड अडानी क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों के साथ बातचीत भी कर रहा है. हालांकि, अडानी समूह ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. अडानी समूह के इस नए कदम से गूगल और पेटीएम जैसे कॉम्पिटिटर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्या है योजना
फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग की पेशकश करने के लिए बातचीत कर रहा है. ओएनडीसी सरकार समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है. यहां सेलर और बायर यानी ग्राहक दोनों एक-दूसरे से डायरेक्ट मिलते हैं. इस प्लेटफॉर्म से शॉपिंग करने के लिए पेमेंट ऐप का होना जरूरी है.
अगर अडानी समूह के नए प्रयास को अंतिम रूप दे दिया जाता है तो ग्राहकों को सर्विसेज कंज्यूमर ऐप Adani One के माध्यम से उपलब्ध होंगी. बता दें कि यह ऐप 2022 के अंत में लॉन्च किया गया था. इस ऐप पर उड़ान और होटल बुकिंग जैसी ट्रैवलिंग सर्विसेज मिलती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक समूह के ई-कॉमर्स और पेमेंट प्लेटफॉर्म सबसे पहले अपने वर्तमान ग्राहकों को टारगेट करेंगे.
ये है कॉम्पिटिटर
अडानी समूह के कई कॉम्पिटिटर होंगे. उदाहरण के लिए गूगल, PhonePe पहले से ही UPI-आधारित पेमेंट ऐप चला रहे हैं जबकि Paytm और Tata जैसे घरेलू समूह ओएनडीसी के माध्यम से किराना और फैशन खरीदारी की पेशकश करते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बेंगलुरु स्थित टेक एक्सपर्ट जयंत कोल्ला ने एफटी से कहा, “इस देश को सिर्फ तीन कारोबारी समूह चला रहे हैं – टाटा, अंबानी और अडानी. अडानी उन तीन समूहों में से एक है जिनके पास जरूरी कंज्यूमर प्रोडक्ट वाले बिजनेस नहीं हैं.” ऐसे में यह नई पहल अडानी समूह के लिए नए दरवाजे खोलेगा.