नैतिकता होती तो विधायक के साथ मंत्री पद भी छोड़ देते: बैज
रायपुर: बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पूछा है कि मुयमंत्री विष्णुदेव साय, बृजमोहन अग्रवाल को कब बर्खास्त करेंगे? उन्होंने कहा, बृजमोहन अग्रवाल सांसद का चुनाव जीतने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दिए है. नैतिकता का तकाजा है कि वे विधायक के साथ मंत्री पद से भी इस्तीफा दे देते, लेकिन उन्होंने मंत्री पद के लालच में सारी नैतिकताओं को धता बता दिया है. उन्होंने राज्यपाल से अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग की है.
बैज ने कहा, कोई व्यक्ति बिना विधानमंडल का सदस्य रहते हुए भी 6 माह तक मंत्री पद धारित कर सकता है. उसे 6 माह के अंदर सदन का सदस्य निर्वाचित होना होता है. बृजमोहन के मामले में स्थितियां अलग हैं. उन्होंने सांसद निर्वाचित होने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दिया है. यहां पर 6 माह के अंदर सदस्य के निर्वाचन की अपेक्षा वाली बात नहीं है. अत: संवैधानिक प्रावधानों की आड़ लेकर मंत्री पद पर बने रहना उचित नहीं है.
बैज ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के नेता पद लोलुप है. सत्ता में बने रहना ही उनके लिए सब कुछ है. कोई सांसद पद पर तत्काल निर्वाचित व्यक्ति यह कह कर मंत्री पद नहीं छोड़ रहा कि वह 6 माह तक मंत्री बने रह सकता है यह भाजपा में ही संभव है. भाजपा और मुयमंत्री बताएं कि क्या वह भी बृजमोहन अग्रवाल के इस निर्णय के साथ है या राजनैतिक सुचिता को देखते हुए मुयमंत्री उनको बर्खास्त करेंगे.
पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल को कांग्रेस में आने का ऑफर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा में सिर फुटौवल की स्थिति बनी हुई है. उनकी उपेक्षा की गई है. बृजमोहन चाहे तो कांग्रेस में आ जाएं. वो जो चाहेंगे वो मिलेगा. उन्होंने कहा, अग्रवाल अभी इस्तीफे के बाद भी 6 महीने तक मंत्री रहने की बात कह रहे हैं. यह तो आने वाले समय में पता चलेगा कि वो कांग्रेस में रहेंगे या भाजपा में.