भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बाजार नियामक सेबी और सैट को शेयर बाजारों में उल्लेखनीय उछाल के बीच सावधानी बरतने की गुरुवार को सलाह दी. उन्होंने अधिक न्यायाधिकरण पीठों की भी वकालत की ताकि इनकी ‘‘स्थिर नींव’’ सुनिश्चित की जा सके.
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यहां नए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) परिसर का उद्घाटन करते हुए अधिकारियों से सैट की नई पीठें खोलने पर विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि अधिक मात्रा में लेन-देन तथा नए नियमों के कारण कार्यभार बढ़ गया है.
बीएसई के 80,000 अंक का आंकड़ा पार करने को उल्लास से भरा क्षण बताने वाली खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं नियामक प्राधिकरणों के लिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती हैं कि जीत के बीच हर कोई अपना ‘‘संतुलन व धैर्य’’ बनाए रखे.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ आप शेयर बाजार में जितनी अधिक तेजी देखेंगे, मेरा मानना है कि सेबी तथा सैट की भूमिका उतनी ही अधिक होगी. ये संस्थान सतर्कता बरतेंगे, सफलताओं का जश्न मनाएंगे लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इसकी नींव स्थिर रहे.’’
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और सैट जैसे अपीलीय मंच के स्थिर तथा पूर्वानुमानित निवेश वातावरण को बढ़ावा देने के पीछे उनका ‘‘अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व’’ हैं. सैट के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्ति पी. एस. दिनेश कुमार ने कहा कि सैट में 1,028 अपीलें लंबित हैं. 1997 में अपनी स्थापना के बाद से इसने 6,700 से अधिक अपीलों का निपटारा किया है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में समय पर कार्रवाई और त्रुटियों को सुधारना बेहद महत्वपूर्ण है. प्रधान न्यायाधीश ने गुरुवार को सैट की नई वेबसाइट भी पेश की. इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में प्रगति के साथ न्याय तक पहुंच की अवधारणा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.