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प्रोटीन सप्लीमेंट के सेहत से खिलवाड़ पर नकेल कसने की तैयारी

फिल्मी अभिनेताओं जैसी बॉडी बनाने का जुनून आजकल युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में युवा ऐसे प्रोटीन सप्लीमेंट का प्रयोग भी खूब करते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं.

अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) युवाओं की सेहत का ध्यान रखते हुए ऐसे कई सप्लीमेंट पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है, जो चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित नहीं हैं और भ्रामक विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को भ्रमित करते हैं.

अधिकांश सप्लीमेंट खराब गुणवत्ता के कई सप्लीमेंट खराब गुणवत्ता वाले होते हैं. इनमें लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले विषाक्त पदार्थ होते हैं.

प्रोटीन या सप्लीमेंट पाउडर के मार्केट में आने से पहले उसकी जांच की आवश्यकता होती है. लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो, इसलिए अब एफएसएसआई प्रोटीन सप्लीमेंट को लेकर नए नियम लाने जा रहा है.

इसलिए हो रही कार्रवाई

एफएसएसएसआई एक नया कानून बनाने जा रहा है जिसमें मार्केट में आने से पहले सभी सप्लीमेंट की अनिवार्य रूप से जांच और सटीक लेबलिंग की जाएगी. इसके तहत निर्माताओं को प्रोटीन सामग्री, अवयवों, एलर्जी और अनुशंसित खुराक के बारे में स्पष्ट और सटीक जानकारी देनी होगी. इससे बाजार में सही उत्पादों की बिक्री होगी.

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सप्लीमेंट की भरमार

फिटनेस के बारे में बढ़ती जागरुकता के कारण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर इनकी भरमार है. दो से तीन किलोग्राम सप्लीमेंट करीब 2000 से य्6800 रुपये तक में बिक रहे हैं. आप सप्लीमेंट खरीदना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि ये नकली भी हो सकते हैं, जो आपको स्वस्थ करने के बजाय हानि पहुंचा सकते हैं.

सर्वेक्षण में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए

हाल के सर्वेक्षण में 36 लोकप्रिय प्रोटीन सप्लीमेंट्स की पड़ताल की गई उनमें से लगभग 70 में प्रोटीन की गलत जानकारी दी गई थी. कुछ ब्रांड केवल आधे से ज्यादा प्रोटीन दे रहे थे. उनमें से लगभग 14 में हानिकारक फंगल एफ्लाटॉक्सिन थे, जबकि 8 में कीटनाशक अवशेषों के निशान मिले थे.

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