राजधानी की राजनीति में भाजपा विधायक राजेश मूणत का वो नाम जिनके हिस्से मंत्री पद की जिम्मेदारी तब-तब आई जब-जब वो विधायक बने सिवाय वर्तमान को छोड़ और यह उनका भाग्य है कि डॉ. रमन सरकार में वे लगातार 15 वर्षों तक केबिनेट मंत्री के तौर पर काबिज रहे और हर बार वे महत्वपूर्ण विभागों के साथ पॉवर फूल मंत्री रहे.इस बीच ऐसा भी नहीं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया बल्कि हजारों करोड़ों के प्रोजेक्ट लांज कर पश्चिम विधानसभा में विकास को एक नई गति दी.हालांकि यह भी सच है कि उन्होंने इस फेर में जनता की मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज भी किया.जिनके और भी अन्य वजह रही और वे साल 2018 का चुनाव हार गए थे.अब जब वे फिर से विधायक बन गए हैं तो उनसे सवाल जवाब भी शुरू हो गया है.कांग्रेस के युवा नेता व प्रदेश कांग्रेस में महामंत्री सुबोध हरितवाल ने ऐसे की कुछ सवाल पूछ कर राजेश मूणत की बोलती बंद कर दी है.
सुबोध ने अपने एक्स हैंडल पर इसकी शुरुआत कर विधायक मूणत से उस शालीनता से पूछा है कि वह उतना ही गंभीर है.जिसका जवाब अब तक नहीं मिला है.सुबोध ने पूछा विधायक जी आपने बहुत जोर शोर के साथ साइंस कॉलेज चौपाटी का विरोध किया था, अब तो आपकी सरकार भी आ गई आप विधायक भी बन गए, उस मुद्दे का क्या हुआ??इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी तंज कसा…आपके समर्थकों को भी दुकान मिल गई क्या??
राजेश मूणत जी से मेरे कुछ सवाल..
आपने बहुत जोर शोर के साथ साइंस कॉलेज चौपाटी का विरोध किया था, अब तो आपकी सरकार भी आ गई आप विधायक भी बन गए, उस मुद्दे का क्या हुआ??
आपके समर्थकों को भी दुकान मिल गई क्या??
आपने 15 साल में समता चौबे रामसागरपारा जैसे इलाको का ड्रेनेज सिस्टम नहीं सुधरा उसपर क्या चर्चा हुई?
टाटीबंध हीरापुर जैसे इलाके में रहने वाले लोग काली धूल से परेशान है..उसका कोई उपाय निकला आपने??
दरअसल इस चौपाटी की जब नींव रखी जा रही थी तो राजेश मूणत अचानक से इसके विरोध में आ गए थे और शायद यह उनका पूर्व मंत्री व विधायक के रूप में सबसे बड़ा आंदोलन था.तब मूणत को लेकर यह भी कहा जाने लगा था कि इस बार अपनी टिकट खतरे में महसूस कर उन्होंने रोड़ की राजनीति शुरू कर दी है.इतना ही नहीं उन्होंने इस आंदोलन के बहाने भाजपा के सभी बड़े नेताओं को एक मंच पर ला कर बता दिया था कि वे आज भी पार्टी में बड़े कद के नेता हैं और हुआ भी वही. आगे चल कर पार्टी ने उन्हें फिर से एक बार मौका दिया और वे इस बार बड़े अंतर से चुनाव जीत गए.हालांकि इसके पीछे की वजह भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल द्वारा कोतवाली में हिन्दू मुस्लिम को लेकर जो ध्रुवीकरण किया गया उसे बताया जाता है.रही बात उस चौपाटी की वह आज राजधानी ही नहीं पूरे प्रदेश में सबसे सफल यूथ हब के रूप में जाना जाने लगा है.आज तक इस जगह पर कोई अप्रिय घटना या विवाद की स्थिति जैसी बात सामने नहीं आई है.
पश्चिम विधानसभा में लगातार सक्रिय रहने वाले सुबोध ने अपने अनुभवों से आगे पूछा..विधायक जी आपने 15 साल में समता कॉलोनी चौबे कॉलोनी रामसागरपारा जैसे इलाकों का ड्रेनेज सिस्टम नहीं सुधरा उस पर क्या चर्चा हुई? बता दें कि पिछले दिनों दीनदयाल ऑडिटोरियम में विधायक मूणत ने निगम अमले की एक बैठक बुलाई थी. जिसमें वार्ड पार्षद के साथ-साथ मेयर व सभापति भी सम्मिलित हुए थे.यह भी संयोग है कि निगम में अब तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा है.चाहे प्रदेश में किसी की सरकार रही हो.बावजूद इन क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम में कभी सुधार नहीं हुए और क्षेत्र वासी इससे परेशान व संकट से जूझते आ रहे हैं.सुबोध यहीं नहीं रुके और वर्तमान विधायक से यह भी सवाल कर गए कि टाटीबंध हीरापुर जैसे इलाके में रहने वाले लोग काली धूल से परेशान हैं..उसका कोई उपाय निकाला आपने??
सुबोध हरितवाल के इन सवालों का जवाब वर्तमान विधायक से कब आएगा अब भी इंतजार है.वैसे विधायक मूणत को इस बात से ज्यादा इंतजार इस बात का है कि उनका मंत्री के तौर पर घोषणा कब होगी.अब देखना होगा आगे क्या होता है.